पटना। बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के विरोध में इंडिया गठबंधन द्वारा बुलाए गए बंद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा पर एनडीए ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनकी यात्रा को राजनीतिक पर्यटन करार दिया।
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी का दौरा केवल चुनावी मौसम को ध्यान में रखकर किया गया एक राजनीतिक भ्रमण है, जिसका जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने राहुल को एक चंचल और अवसरवादी प्रवृत्ति का व्यक्ति बताते हुए कहा कि वह परिस्थितियों के अनुसार अपना रुख बदलते हैं।
‘जनता को गुमराह करने की कोशिश’
विजय सिन्हा ने कहा कि विपक्षी दल लोकतंत्र को कमजोर करने की मंशा से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण को नियमित और पारदर्शी प्रक्रिया बताते हुए कहा कि इसका विरोध करना केवल जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।
उन्होंने महागठबंधन द्वारा बुलाए गए बंद को “परिवारवादी राजनीति का प्रदर्शन” बताते हुए तंज कसा कि “कल राहुल गांधी ने संविधान की एक खाली प्रति लहराई थी, जो उनकी राजनीतिक समझ और गंभीरता पर सवाल खड़ा करती है।”
सिन्हा ने यह भी बताया कि अब तक 97 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं को सत्यापन फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं और चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी योग्य मतदाता का अधिकार प्रभावित नहीं होगा।
‘बंद सिर्फ दिखावा’, मांझी का तंज
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विपक्ष के बंद को पूरी तरह से “नौटंकी” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन नेताओं ने सड़कों पर उतरने का आह्वान किया, वे खुद गाड़ियों में बैठे रहे, जबकि उनके कार्यकर्ताओं को पैदल चलने के लिए मजबूर किया गया।
मांझी ने व्यंग्य करते हुए कहा, “जिस तरह क्रिकेट के मैदान पर तेजस्वी यादव सुपरहिट रहे थे, उसी तरह यह बंद भी उनके लिए ‘सुपरहिट’ बन गया। चुनाव तक खुद को दिलासा देने के लिए ये सोच अच्छी है।”