श्रीनगर। जब कोई राजनीतिक दल सत्ता में होता है, तो कई बार उसके कार्यकर्ताओं पर सरकारी अधिकारियों को परेशान करने या उनके कार्य में बाधा डालने के आरोप लगते हैं। आमतौर पर इस पर पार्टी नेतृत्व प्रतिक्रिया देता है कि ऐसे लोगों का संगठन से कोई संबंध नहीं है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह मामला थोड़ा अलग ही रूप में सामने आया है।
दरअसल, सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस की किश्तवाड़ जिला इकाई की ओर से जारी एक कथित निर्देश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें कहा गया है कि पार्टी के कार्यकर्ता जिला प्रभारी की अनुमति के बिना किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को परेशान नहीं कर सकते।
इस निर्देश को पार्टी के लैटरहेड पर जिला अध्यक्ष तनवीर किचलू के नाम से जारी बताया गया है। जैसे ही यह पत्र सोशल मीडिया पर पहुंचा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इसे अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर साझा करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज़ में टिप्पणी की:
“कौन कहता है कि हमारा संगठन अनुशासनहीन है? हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे कार्यकर्ता बिना वरिष्ठों की अनुमति के किसी अधिकारी को परेशान न करें।”
स्थानीय स्तर पर उठे सवाल
किश्तवाड़ के एक सामाजिक कार्यकर्ता का मानना है कि सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ लोग अक्सर सरकारी दफ्तरों में जाकर अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। उनके अनुसार, हो सकता है कि यह आदेश इसी पृष्ठभूमि में जारी किया गया हो, ताकि कुछ कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण रखा जा सके या आंतरिक शक्ति संतुलन बनाया जा सके।
किचलू ने दी सफाई, बताया ‘षड्यंत्र’
हालांकि, खुद तनवीर किचलू ने इस कथित आदेश से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा:
“मैंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया। यह किसी की शरारत है और संभवतः AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर दस्तावेज बनाया गया है। यह मुझे और पार्टी को बदनाम करने की साजिश है।”
पार्टी नेतृत्व ने किया खंडन
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष एडवोकेट रत्न लाल गुप्ता ने भी कहा कि पार्टी ने इस मामले की जांच की है और ऐसा कोई आदेश आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया।
“हमारे किसी भी कार्यकर्ता को अधिकार नहीं है कि वह किसी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी या आम नागरिक को तंग करे। पार्टी का मकसद प्रशासन और आमजन के बीच एक सकारात्मक सेतु बनना है।”