मेरठ में एक बार फिर नीला ड्रम चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह कोई आपराधिक मामला नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गाजियाबाद निवासी एक कांवड़िया कंधे पर दो बड़े नीले ड्रम टांगकर कांवड़ यात्रा करता नजर आ रहा है। बताया गया है कि वह हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहा है और दोनों ड्रम में 80 लीटर से अधिक गंगाजल भरा हुआ है।
गौरतलब है कि यही नीला ड्रम कुछ समय पहले सौरभ राजपूत हत्याकांड के कारण सुर्खियों में आया था। उस केस में सौरभ की पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मिलकर हत्या के बाद शव के टुकड़े इस नीले ड्रम में रखे थे, जिससे मेरठ और ड्रम दोनों की छवि धूमिल हुई थी।
अब उसी ड्रम को धार्मिक उपयोग में लाकर एक कांवड़िए ने सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है। राह चलते लोगों ने जब उससे ड्रम को लेकर सवाल किया, तो उसने बताया कि यह वही नीला ड्रम है जिसे मुस्कान कांड के कारण बदनाम किया गया था। लेकिन अब समय है कि इसका ‘शुद्धिकरण’ हो—इसलिए वह इसमें गंगाजल लेकर आया है ताकि अपने माता-पिता को स्नान करा सके।
कांवड़िए ने यह भी बताया कि वह अभी अविवाहित है और गाजियाबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर हरिद्वार तक पैदल यात्रा कर गंगाजल ला रहा है।
एक दौर में जब इस ड्रम का नाम भय और संदेह से जुड़ गया था, तब कई लोगों ने ऐसे ड्रम अपने घरों से बाहर कर दिए थे। लेकिन अब एक श्रद्धालु ने उसी प्रतीक को श्रद्धा से जोड़कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की एक मिसाल पेश की है।