उत्तर प्रदेश के बलरामपुर निवासी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, जिनका असली नाम करीमुल्ला शाह है, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और अवैध धर्मांतरण रैकेट के आरोपों में सुर्खियों में आ गए हैं। हाल ही में यूपी एटीएस ने उन्हें उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया था। अब इस पूरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है।
ईडी ने दर्ज किया मामला, विदेशों से मिले करोड़ों
प्रवर्तन निदेशालय ने 9 जुलाई 2025 को ECIR/LKZO/29/2025 के तहत केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। ईडी की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा को मिडिल ईस्ट देशों से भारी मात्रा में फंडिंग प्राप्त हुई थी, जिसका इस्तेमाल धर्मांतरण गतिविधियों को बढ़ावा देने में किया गया।
106 करोड़ की संपत्ति का खुलासा, 40 बैंक खातों की जांच
छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी के पास कुल 106 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का पता चला है। एटीएस की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि उसके पास 40 अलग-अलग बैंक खाते हैं, जिनमें अधिकांश लेनदेन विदेश से हुए हैं। धर्मांतरण के लिए ‘शिजरा-ए-तय्यबा’ नामक धार्मिक पुस्तक, भाषणों और मानसिक प्रभाव का सहारा लिया गया। विशेष रूप से दलित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को निशाना बनाया गया।
गैरकानूनी निर्माण और संपत्तियों की जांच तेज
बलरामपुर और बहराइच जिलों में छांगुर बाबा ने कथित तौर पर लगभग ₹100 करोड़ की संपत्ति अवैध रूप से खड़ी की है। जिला प्रशासन ने उसके कई निर्माणों को अवैध घोषित कर ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
ईडी जल्द ले सकती है रिमांड पर
ईडी ने आरोपी की संपत्तियों, बैंक खातों और फर्मों की जानकारी संबंधित विभागों से मांग ली है और कई बैंकों को पत्र भेजकर खाते सीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संभावना है कि ईडी जल्द ही छांगुर बाबा को अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ करेगी। इस समय आरोपी और उसकी सहयोगी एटीएस की 7 दिन की रिमांड पर हैं।