भुवनेश्वर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी द्वारा आयोजित ‘संविधान बचाओ समावेश’ कार्यक्रम पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस रैली को ‘राजनीतिक पर्यटन’ बताते हुए कहा कि यह वास्तव में ‘संविधान बचाओ’ नहीं, बल्कि ‘राहुल गांधी और कांग्रेस बचाओ’ अभियान था।
ओडिशा में कांग्रेस को जनता पहले ही नकार चुकी है: प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ओडिशा की जनता भाजपा की जनहितकारी नीतियों में विश्वास करती है और कांग्रेस यहां अपना अस्तित्व खो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब ऐसे मुद्दों के सहारे अपनी खोई ज़मीन तलाशने में जुटी है, जबकि राज्य के गरीब, दलित, आदिवासी और किसान दशकों पहले ही कांग्रेस से मुंह मोड़ चुके हैं। ऐसे में राहुल गांधी द्वारा ओडिशा के हाशिए पर खड़े वर्गों की बात करना सिर्फ एक दिखावा भर है।
कांग्रेस के शासन में हाशिए पर रहे गरीब और पिछड़े वर्ग
प्रधान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में गरीबों, अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि जब भी कांग्रेस सत्ता में रही, तब योजनाओं का लाभ बिचौलियों तक ही सीमित रहा और जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाया।
चुनावी हार का ठीकरा लोकतांत्रिक संस्थाओं पर
धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि वह महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में मिली हार के बाद अब चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं को दोषी ठहरा रही है। उन्होंने इमरजेंसी का हवाला देते हुए कहा कि जिस पार्टी ने कभी संविधान का गला घोंटा, वह आज संविधान बचाने की बात कर रही है।
‘नाच न जाने, आंगन टेढ़ा’ वाली स्थिति
प्रधान ने राहुल गांधी की राजनीतिक रणनीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बार-बार हार के बाद भी वह खुद की कमियों को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जनता अब कांग्रेस की रणनीतियों और बयानों को समझ चुकी है और हर चुनाव में उसे करारा जवाब देती रहेगी।