चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया विदेश यात्राओं को लेकर तीखा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय द्वारा उनकी पिछली टिप्पणी की आलोचना के बाद मान ने दोहराया कि बतौर मुख्यमंत्री और एक जिम्मेदार नागरिक, उन्हें विदेश नीति और प्रधानमंत्री के दौरे के उद्देश्यों पर सवाल उठाने का पूरा अधिकार है।
प्रेस वार्ता में बोले मान
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मान ने कहा, “क्या मुझे यह जानने का अधिकार नहीं है कि देश की विदेश नीति क्या है और विदेश यात्राओं का मकसद क्या रहा? प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं, वहीं अडानी का कारोबार शुरू हो जाता है—इस पर सवाल उठाना गलत कैसे हो सकता है?” उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी वह ऐसे प्रश्न उठाते रहेंगे।
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
पंजाब के मुख्यमंत्री की आलोचनात्मक टिप्पणियों पर विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि भारत सरकार उन गैर-जिम्मेदाराना बयानों से खुद को अलग करती है जो भारत और मित्र देशों के संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने नाम लिए बिना कहा, “ऐसे बयान किसी जिम्मेदार सरकारी पदाधिकारी को शोभा नहीं देते और निराशाजनक हैं।”
मान ने क्या कहा था?
हालिया एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान भगवंत मान ने प्रधानमंत्री मोदी पर व्यंग्य करते हुए कहा था कि “पीएम मोदी अक्सर ऐसे देशों के दौरे पर जाते हैं, जिनकी आबादी बेहद कम है—कभी घाना, तो कभी ‘मैग्नेशिया’ या ‘टार्विसिया’। इन देशों में उन्हें सर्वोच्च सम्मान दिए जाते हैं, जबकि वहां की आबादी 10,000 से भी कम होती है।” उन्होंने कटाक्ष किया कि इतने ही लोग भारत में एक जेसीबी देखने भी जुट जाते हैं।
भाखड़ा ब्यास बांध सुरक्षा पर अलग विवाद
वहीं दूसरी ओर, पंजाब सरकार के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के सुरक्षा प्रबंधन को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंपना चाहती है। उन्होंने कहा कि “पिछले 70 वर्षों से पंजाब पुलिस यह जिम्मेदारी निभा रही है और अब केंद्र और हरियाणा सरकार इसे बदलना चाहती है, जिसे राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार का समर्थन किया है और पुरानी गलती को सुधारा है।