शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पद पाने की मंशा जताई और यहां तक कहा कि यदि उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जाए, तो वे अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करने को भी तैयार हैं।
राउत ने मीडिया से बातचीत करते हुए दावा किया कि शिंदे ने शाह से यह भी शिकायत की कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उनके काम में बाधा डाल रहे हैं और उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ जांचें करवा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे ने मराठी अस्मिता और एकता के मुद्दे को कमजोर करने की बात कही, क्योंकि इससे उनकी पार्टी की स्थिति प्रभावित हो रही है। यह टिप्पणी ठाकरे और राज ठाकरे की हालिया संयुक्त रैली के संदर्भ में थी, जो सरकार की तीन भाषा नीति और कक्षा एक से पांच तक हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने के विरोध में आयोजित हुई थी।
राउत ने आगे कहा, “शिंदे इस हद तक मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक हैं कि अपनी ही पार्टी को भाजपा में विलीन करने का प्रस्ताव दे रहे हैं। उन्हें लगता है कि इससे महाराष्ट्र की राजनीति में स्थिरता आ सकती है।”
इस पर शिवसेना शिंदे गुट की प्रवक्ता शीतल म्हात्रे ने पलटवार करते हुए कहा कि राउत को बिना आधार की बयानबाजी करने की आदत है और अब उनकी बातों को उनकी खुद की पार्टी में भी गंभीरता से नहीं लिया जाता।
यह पहली बार नहीं है जब संजय राउत ने शिंदे गुट या भाजपा के खिलाफ ऐसे आरोप लगाए हों। इससे पहले जनवरी में उन्होंने दावा किया था कि मंत्री उदय सामंत को राज्य का तीसरा उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और शिंदे के साथ उनके मतभेद चल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि शिंदे के गुवाहाटी दौरे के दौरान जिस भैंसे की बलि दी गई थी, उसके सींग ‘वर्षा’ (मुख्यमंत्री निवास) में गाड़े गए थे ताकि मुख्यमंत्री पद पर कोई और न बैठ सके।
हालांकि, शिंदे के नेतृत्व में महायुति सरकार ने भारी बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापसी की है, जिससे राउत के पूर्व दावों पर सवाल उठे हैं।