लखनऊ: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की हालिया राजनीतिक गतिविधियों—मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से हुई मुलाकातों—को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और भाजपा संगठन में संभावित फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के मद्देनजर मौर्य को संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
शुक्रवार को केशव मौर्य ने राजभवन में राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की। इससे पहले वह दिल्ली में अमित शाह और राजनाथ सिंह से भी मिले थे। अमित शाह से भेंट के बाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि उन्होंने “भारतीय राजनीति के चाणक्य” और लाखों कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर 2027 में 2017 जैसे परिणाम दोहराने और भाजपा की तीसरी बार सरकार बनाने समेत विभिन्न अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
उनकी इस टिप्पणी को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वर्ष 2017 में मौर्य भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे और अब 2027 के संदर्भ में उनके संगठनात्मक पुनर्भूमिका की संभावनाएं जताई जा रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है, और सपा के पीडीए फार्मूले को जवाब देने के लिए पार्टी की कोशिश ओबीसी या वंचित वर्ग से किसी नेता को यह जिम्मेदारी सौंपने की हो सकती है। संगठन में बदलाव के बाद योगी सरकार के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल तय माना जा रहा है।