बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद क्षेत्र के निवासी चार पुत्रों ने भक्ति और ममता की मिसाल पेश करते हुए अपनी मां को पालकी में बैठाकर कांवर यात्रा पर निकलने का अनोखा संकल्प लिया है। ओमकार, सनी, नीरज और हेमंत अपनी मां रुमाली को कंधे पर पालकी में बिठाकर गंगाजल के साथ हरिद्वार से पैदल यात्रा कर रहे हैं। उनके साथ परिवार के अन्य श्रद्धालु – विशाल, सरोज और शीला भी शामिल हैं।
यात्रा के दौरान यह भक्तजन एक ओर पालकी में मां को लेकर चल रहे हैं और दूसरी ओर कांवर में गंगाजल उठाए हुए हैं। इन शिवभक्तों ने बताया कि मां का आशीर्वाद और सेवा ही उनके लिए सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा कि जिस मां ने उन्हें जन्म दिया और जीवनभर स्नेह दिया, उसे शिवभक्ति के इस पावन अवसर पर सम्मान देना उनका सौभाग्य है।
यह पहला अवसर नहीं है जब ये बेटे अपनी मां को कांवर यात्रा में साथ लेकर चले हों। इससे पूर्व 2019 में भी वे मां को पालकी में बैठाकर और गंगाजल लेकर यात्रा कर चुके हैं। इस बार उन्होंने गुरु पूरण सिंह के सान्निध्य में 7 जुलाई को गंगाजल उठाया।
चारों भाइयों की एक ही प्रार्थना है — “भोलेनाथ से यही कामना है कि हर जन्म में हमें यही मां मिले।” उनका यह भावुक समर्पण मां के प्रति प्रेम और आस्था का एक अनुपम उदाहरण बन गया है।