जहां एक ओर जून माह में ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष जारी था, वहीं भारत ने रूस से तेल आयात बढ़ाकर अपनी ऊर्जा आपूर्ति को और सुदृढ़ किया। विश्लेषण संस्था केप्लर द्वारा तेल टैंकरों की गतिविधियों पर आधारित आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने जून में रूस से औसतन 20.8 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया, जो जुलाई 2024 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
रूस से आयात में मासिक 8% की वृद्धि
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट के अनुसार, जून में भारत का कुल वैश्विक कच्चा तेल आयात छह प्रतिशत घटा, लेकिन रूस से आने वाले तेल में आठ प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि मुख्यतः देश की तीन प्रमुख रिफाइनरियों द्वारा की गई खरीदारी के कारण हुई, जो जी7 प्लस देशों को रिफाइन्ड उत्पाद भी भेजती हैं। उल्लेखनीय है कि भारत अपनी तेल जरूरतों का 85% से अधिक हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा करता है, और बीते तीन वर्षों से रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
अन्य देशों से आयात की स्थिति
- इराक: जून में भारत ने इराक से 8.93 लाख बैरल प्रतिदिन तेल आयात किया, जो मई की तुलना में 17.2% कम है।
- सऊदी अरब: इससे आयात लगभग 5.81 लाख बैरल प्रतिदिन रहा, जो पिछले महीने के समान है।
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE): यहां से आयात 6.5% बढ़कर 4.90 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया।
- अमेरिका: अमेरिका ने 3.03 लाख बैरल प्रतिदिन तेल आपूर्ति की, जिससे उसका कुल बाजार हिस्सा 6.3% रहा।
जून में भारत के तेल आयात में इराक की हिस्सेदारी 18.5%, सऊदी अरब की 12.1%, और यूएई की 10.2% रही।