सहारनपुर जिले के नकुड़ क्षेत्र में इस वर्ष की कांवड़ यात्रा एक अनूठे संकल्प और आस्था की मिसाल बन गई है। नयागांव निवासी मनोज कुमार पिछले तीन महीने से अधिक समय से एक विशेष कांवड़ यात्रा पर हैं, जिसमें उन्होंने हरिद्वार से 351 लीटर गंगाजल लेकर यात्रा शुरू की थी। वर्तमान में उनका पड़ाव सहारनपुर रोड स्थित हरि कॉलेज के समीप है।
न मन्नत, न प्रदर्शन—केवल आस्था की राह पर
मनोज कुमार ने बताया कि उनकी यह यात्रा न तो किसी मन्नत के तहत है और न ही किसी दिखावे का हिस्सा। बिना किसी पूर्व अभ्यास या योजना के उन्होंने भोलेनाथ का नाम लेकर इस कठिन यात्रा की शुरुआत की। गंगाजल को दो बड़ी केनों में भरकर उन्होंने दोनों कंधों पर उठाया और अकेले ही इस यात्रा पर निकल पड़े।
एक दिन में सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी तय करते हैं
प्रत्येक केन में करीब 175 लीटर गंगाजल है, यानी कुल भार लगभग 351 लीटर। भारी वजन के कारण मनोज प्रतिदिन केवल एक किलोमीटर की दूरी ही तय कर पाते हैं। अब तक वे हरिद्वार से लेकर सहारनपुर तक की लंबी दूरी तय कर चुके हैं, और उनके गांव तक पहुंचने में अभी लगभग एक सप्ताह और लग सकता है।
राहगीरों को चौंका देती है उनकी निष्ठा
इस अनोखी साधना को देखकर राह चलते लोग अचंभित रह जाते हैं। कोई उन्हें पानी पिलाता है, कोई उनका अभिवादन करता है तो कई लोग उनके साहस और श्रद्धा को नमन करते हैं। मनोज की यह यात्रा कांवड़ यात्रा के परंपरागत स्वरूप से हटकर एक गहन भक्ति और आत्मसमर्पण की मिसाल बन गई है।