कांवड़ यात्रा की शुरुआत के साथ ही मुजफ्फरनगर जिले की सीमाओं में श्रद्धालुओं की आवाजाही तेज़ हो गई है। पुरकाजी से लेकर खतौली और अन्य कांवड़ मार्गों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा सेवाओं की व्यापक तैयारियां कर ली हैं।
जिला अस्पताल में विशेष वार्ड की स्थापना की गई है, जहाँ कांवड़ यात्रियों को स्वास्थ्य परामर्श और प्राथमिक उपचार की सुविधा मिल रही है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजों में भी कांवड़ियों के लिए निशुल्क उपचार हेतु बेड आरक्षित किए गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की गई है।
43 स्थानों पर शिविर, एंबुलेंस सेवा भी तैनात
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 43 महत्वपूर्ण स्थानों को चिन्हित कर वहां नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए हैं। इन शिविरों में प्राथमिक उपचार के साथ आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वहीं गंभीर स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मोबाइल एंबुलेंस सेवा सक्रिय है।
नोडल मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रशांत कुमार के अनुसार, पुरकाजी से खतौली तक पूरे मार्ग पर जगह-जगह मिनी अस्पताल जैसे कैंप संचालित किए जा रहे हैं, ताकि यात्रियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल सके।
108 और 102 एंबुलेंस पूरी तरह तैनात
108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं के प्रबंधक राजेश रंजन ने बताया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर कुल 57 पॉइंट बनाए गए हैं, जिन पर एंबुलेंस को तैनात किया गया है। ये वाहन पुरकाजी, खतौली, शामली बॉर्डर और बिजनौर सीमा सहित सभी प्रमुख स्थानों पर सक्रिय हैं। किसी भी आपात स्थिति में एंबुलेंस यात्री को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाएंगी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से आधिकारिक बयान
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार तेवतिया ने जानकारी दी कि, “कांवड़ यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। 43 स्थानों पर शिविर लगाए गए हैं, जिला अस्पताल में विशेष वार्ड बनाया गया है, और आपात सेवाओं के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की गई है। विभाग 24 घंटे सेवा में तत्पर है।”