खतौली (मुजफ्फरनगर)। जाने-माने होटल व्यवसायी और समाजसेवी शारिक राना (71) का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान रविवार को निधन हो गया। वह हृदय संबंधी रोगों सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन की सूचना से खतौली सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई।
परिजनों के अनुसार, शारिक राना को लगभग दस दिन पहले दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उनका पार्थिव शरीर रविवार देर रात जीटी रोड स्थित राना हाउस पर लाया गया, जहां लोगों ने अंतिम दर्शन किए। सोमवार सुबह फुलत गांव के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
चीतल ग्रांड से दिलाई अंतरराष्ट्रीय पहचान
गंगनहर के किनारे स्थित चीतल ग्रांड होटल की स्थापना कर शारिक राना ने मुजफ्फरनगर को पर्यटन मानचित्र पर एक खास मुकाम दिलाया। उन्होंने वन विभाग के चीतल पार्क में अपने पिता निसार राना और बड़े भाई उरूज राना के साथ मिलकर रेस्टोरेंट की शुरुआत की थी। वर्तमान में उनके भाई उरूज राना स्विट्ज़रलैंड में होटल व्यवसाय से जुड़े हैं।
दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित चीतल ग्रांड, वर्षों तक देश-विदेश के सैलानियों का पसंदीदा पड़ाव रहा। पुराने नाम के साथ अब यह प्रतिष्ठान नए हाईवे पर भी सक्रिय है।
शिक्षा और समाजसेवा में भी था योगदान
शारिक राना सिर्फ एक सफल व्यवसायी नहीं, बल्कि समाजसेवा और शिक्षा क्षेत्र में भी उनकी अहम भूमिका रही। वह सर सैयद इंटर कॉलेज के प्रबंधक रहे और मुस्लिम इंटर कॉलेज की स्थापना में भी उनका अहम योगदान रहा।
परिवार का ऐतिहासिक विरासत से नाता
राना परिवार मूलतः उत्तराखंड के रानीखेत के पास मजखाली गांव के जमींदार खानदान से ताल्लुक रखता है। उनके परदादा खान बहादुर हाजी न्याज मोहम्मद खान के नाम पर एक ज़मींदारी स्टेट भी थी। वर्ष 1974 में परिवार खतौली आ गया और यहां होटल उद्योग की नींव रखी।