ईरान के साथ युद्धविराम के बाद भी इजराइल ने गाजा में सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है। रविवार को इजराइली बलों ने गाजा सिटी के एक भीड़भाड़ वाले बाजार और एक जल आपूर्ति केंद्र को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 40 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई। मृतकों में छह से अधिक बच्चे भी शामिल हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बाजार पर हमले में कम से कम 17 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें प्रमुख चिकित्सक डॉ. अहमद कंदील भी थे।
इसके अलावा, इजराइली सेना ने नुसेरात शरणार्थी शिविर पर मिसाइल हमला किया, जिससे वहां स्थित जल केंद्र को भी नुकसान पहुंचा। इस हमले में कम से कम 10 लोगों की मौत और 17 से अधिक घायल हुए हैं। अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकांश पीड़ित वे बच्चे थे जो पीने के पानी के लिए कतार में खड़े थे।
शांति वार्ता फिर विफलता की ओर
गाजा संघर्ष को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई के लिए कतर में चल रही वार्ता अब तक किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है। मुख्य विवाद का विषय गाजा से इजराइली सेना की पूर्ण वापसी है, जिसे इजराइल मानने को तैयार नहीं है। इजराइली पक्ष का कहना है कि जब तक हमास आत्मसमर्पण नहीं करता, सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर वार्ता में रुकावट डालने के आरोप भी लगाए हैं।
बढ़ता मानवीय संकट
गाजा में युद्ध के साथ-साथ मानवीय संकट भी लगातार गहराता जा रहा है। इजराइली नाकेबंदी के कारण राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता वहां तक नहीं पहुंच पा रही है। संयुक्त राष्ट्र की सात एजेंसियों ने शनिवार को चेतावनी दी कि ईंधन की भारी कमी से अस्पतालों की सेवाएं, खाद्य सुरक्षा और राहत अभियानों पर गंभीर असर पड़ा है।
गौरतलब है कि अब तक गाजा में मृतकों की आधिकारिक संख्या 58,000 से अधिक पहुंच गई है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। जानकारों का मानना है कि मलबे के नीचे दबे शवों को मिलाकर यह आंकड़ा दोगुना भी हो सकता है।