भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति जून 2025 में घटकर 0.13% रह गई, जो अक्टूबर 2023 के बाद का सबसे निचला स्तर है। केंद्र सरकार ने सोमवार को इस संबंध में आधिकारिक आंकड़े जारी किए। इससे पहले मई में यह दर 0.39% रही थी, जो 14 महीनों में सबसे कम थी।
अनुमानों से कम रही थोक महंगाई
रॉयटर्स द्वारा कराए गए अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण में जून की थोक मुद्रास्फीति 0.52% रहने का अनुमान जताया गया था, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इससे भी नीचे रहा।
विनिर्मित उत्पादों और प्राथमिक वस्तुओं की स्थिति
थोक महंगाई में सबसे अधिक योगदान देने वाले विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति दर जून में 1.97% दर्ज की गई। वहीं, प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 3.38% पहुंच गई, जो मई में 2.02% थी।
ईंधन और बिजली की महंगाई में गिरावट
ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति दर जून में घटकर 2.65% रह गई, जबकि मई में यह 22.27% थी।
खुदरा महंगाई भी छह साल के न्यूनतम स्तर पर
इससे पहले मई 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 2.82% दर्ज की गई थी, जो फरवरी 2019 के बाद की सबसे कम वार्षिक दर है। अप्रैल की तुलना में इसमें 34 आधार अंकों की गिरावट देखी गई थी।