देशभर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए टैक्स लाभ लेने वालों के खिलाफ आयकर विभाग ने सख्त अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उन्नत डेटा विश्लेषण का सहारा लिया गया है। सोमवार को विभाग ने विभिन्न राज्यों में एक साथ छापेमारी कर 200 से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को अपनी कार्रवाई के दायरे में लिया। ये लोग झूठे दान, ट्यूशन शुल्क और मेडिकल बिलों के आधार पर करदाताओं को अवैध टैक्स छूट दिलाने में लिप्त थे।
AI से हुआ टैक्स घोटाले का भंडाफोड़
आयकर विभाग ने इस बार तकनीकी साधनों को सबसे प्रभावी हथियार बनाया है। AI और डेटा एनालिटिक्स की सहायता से ऐसे मामलों को चिन्हित किया गया, जहां करदाता फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कर राहत प्राप्त कर रहे थे। इसमें आयकर अधिनियम की धारा 10(13A), 80GGC, 80E, 80D, 80EE, 80EEB, 80G, 80GGA और 80DDB के अंतर्गत लाभ उठाने वाले अनेक संदिग्ध मामले सामने आए।
AI ने बैंकों, नियोक्ताओं और थर्ड-पार्टी स्रोतों से मिले डेटा का मिलान कर करदाताओं के दावों की सच्चाई उजागर की। इस प्रक्रिया में कई संगठित रैकेट्स का भी खुलासा हुआ, जो नकली दस्तावेजों के माध्यम से टैक्स चोरी को बढ़ावा दे रहे थे।
छापों में मिले कई जाली दस्तावेज
छापेमारी के दौरान अधिकारियों को ऐसे कई दस्तावेज मिले जो पूरी तरह से फर्जी पाए गए। इनमें नकली चैरिटेबल डोनेशन रसीदें, ट्यूशन फीस के बढ़े हुए बिल, और झूठे मेडिकल खर्चों के प्रमाण शामिल हैं। जांच में यह भी पाया गया कि कई पंजीकृत न होने वाली राजनीतिक पार्टियों को डोनेशन दिखाकर टैक्स छूट प्राप्त की गई थी।
NUDGE अभियान के बाद आई सख्ती
इस कार्रवाई से पहले विभाग ने ‘NUDGE’ नामक एक जनजागरूकता अभियान चलाया था, जिसके माध्यम से करदाताओं को उनके संदेहास्पद क्लेम्स को ठीक करने की सलाह दी गई थी। विभाग ने ईमेल और मैसेज के जरिये आगाह किया था कि अगर सुधार नहीं किया गया तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सेक्शन 80GGC के तहत डोनेशन का दुरुपयोग
धारा 80GGC के तहत मिलने वाली छूट के दुरुपयोग के कई मामले सामने आए हैं। जांच में खुलासा हुआ कि कई मामलों में फर्जी राजनीतिक दलों को डोनेशन दिखाकर लाभ लिया गया, जबकि इन संस्थाओं का कोई वास्तविक अस्तित्व ही नहीं था।
टैक्स प्रोफेशनल्स पर भी नजर
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि टैक्स सलाहकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा, यदि वे अपने क्लाइंट्स को फर्जी दावों की सलाह देते पाए जाते हैं। टैक्स चोरी में किसी भी तरह की भागीदारी पाए जाने पर कानूनी कार्यवाही तय है।
सही दस्तावेजों की अनिवार्यता
आयकर विभाग ने करदाताओं से अपील की है कि वे किसी भी टैक्स छूट का दावा करते समय प्रमाणिक दस्तावेज जरूर प्रस्तुत करें। विभाग का कहना है कि अब सभी दावों की तकनीकी माध्यम से बारीकी से जांच की जा रही है और अनियमितता मिलने पर कठोर कदम उठाए जाएंगे।