मुजफ्फरनगर। मीरापुर थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो आधार कार्ड, शैक्षिक प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, टीसी और सनद जैसे सरकारी दस्तावेजों की नक़ल तैयार कर रहा था। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और उपकरण बरामद किए हैं।
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि मीरापुर थाना प्रभारी बबलू कुमार वर्मा व उनकी टीम ने मुखबिर की सूचना पर गांव रसूलपुर गढ़ी स्थित जिशाद उर्फ बिलाल के मकान पर छापा मारा। तलाशी के दौरान वहां से भारी मात्रा में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जिशाद उर्फ बिलाल निवासी रसूलपुर गढ़ी, मोहम्मद रिजवान निवासी अखलाकपुर (थाना जानसठ), सुशील कुमार निवासी मोहल्ला हीरालाल (थाना मवाना, मेरठ) और सद्दाम हुसैन निवासी मोहल्ला कल्याण सिंह (थाना मवाना, मेरठ) के रूप में हुई है।
पुलिस ने इनके पास से:
- 48 फर्जी आधार कार्ड
- 40 फर्जी पहचान पत्र
- ग्लोकल यूनिवर्सिटी की 32 फर्जी मार्कशीट
- जनता इंटर कॉलेज पलड़ी, बागपत की 2 फर्जी मार्कशीट
- कृषि इंटर कॉलेज, मवाना की 10 मार्कशीट व 10 सनद
- दीवान इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज सहित अन्य कॉलेजों के फर्जी दस्तावेज
- एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 2 फर्जी प्रमाण पत्र और 16 सनद
- साथ ही प्रिंटर, कंप्यूटर, सीपीयू आदि उपकरण बरामद किए हैं।
गैंग का मास्टरमाइंड सुशील कुमार निकला
मीरापुर थाना प्रभारी के अनुसार, इस फर्जीवाड़े के पीछे मुख्य साजिशकर्ता सुशील कुमार है, जो मेरठ के मवाना क्षेत्र में जनसुविधा केंद्र चलाता है। उसने अपने साथी सद्दाम हुसैन के साथ मिलकर इस नेटवर्क की शुरुआत की थी। बाद में इसमें अन्य आरोपी भी शामिल हो गए।
पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे पिछले एक वर्ष से यह गिरोह चला रहे थे और फर्जी दस्तावेज़ों के बदले अच्छी-खासी रकम वसूलते थे। अब तक यह गैंग करीब 10 लाख रुपये की अवैध कमाई कर चुका है।
पुलिस ने चारों के खिलाफ विधिक कार्यवाही करते हुए उन्हें जेल भेज दिया है, और गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश जारी है।