मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 30 प्रस्तावों पर सहमति दी गई। इन प्रस्तावों में सबसे अहम राज्य के युवाओं को अगले पांच वर्षों में एक करोड़ रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य शामिल है। अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने बैठक के बाद प्रेसवार्ता में बताया कि रोजगार सृजन के विभिन्न अवसरों और विकल्पों पर विचार कर नीति तैयार करने हेतु विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।
पटना मेट्रो और व्यापारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना को हरी झंडी
पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्रायोरिटी कॉरिडोर के रखरखाव के लिए दो वर्ष आठ महीने की अवधि हेतु 179.37 करोड़ रुपये का व्यय मंजूर किया गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को यह कार्य सौंपा गया है। इसके अतिरिक्त तीन वर्ष के लिए ट्रेनसेट किराए पर लेने हेतु 21.15 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
वहीं, राज्य सरकार ने ‘बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना’ को भी स्वीकृति दी है। इसके अंतर्गत निबंधित गैर-कॉरपोरेट करदाताओं की दुर्घटनावश मृत्यु होने पर उनके परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
बम निरोधक दस्ते को जोखिम भत्ता और न्यायिक सेवा कर्मियों को वेतनवृद्धि
राज्य सरकार ने बम निरोधक दस्ते के कर्मियों को उनके मूल वेतन का 30 प्रतिशत जोखिम भत्ता देने का निर्णय लिया है, जिसकी अधिकतम सीमा 25,000 रुपये तय की गई है। साथ ही, बिहार न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों को 1 जनवरी 2016 से राज्य कर्मियों के अनुरूप वार्षिक वेतन वृद्धि की भी मंजूरी दी गई है।
चार चिकित्सकों पर कार्रवाई, सेवा से बर्खास्त
स्वास्थ्य विभाग में अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में चार चिकित्सा पदाधिकारियों को सेवा से हटाने का निर्णय लिया गया है। बर्खास्त किए गए अधिकारियों में विशेषज्ञ डॉ. चंदना कुमार, डॉ. कृतिका सिंह, डॉ. निमिषा रानी और एक अन्य सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी शामिल हैं।