मुजफ्फरनगर। जिले के कुख्यात अपराधी शाहरुख पठान को यूपी एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त मुठभेड़ में ढेर कर दिया। हत्या, रंगदारी, लूट और डकैती जैसे गंभीर मामलों में वांछित शाहरुख को बीते रविवार देर रात पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गोली मारकर घायल कर दिया था। इलाज के लिए अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सोमवार शाम जब पोस्टमार्टम के बाद उसका शव खालापार स्थित आवास पहुंचा, तो बड़ी संख्या में लोग जनाजे में शामिल हुए। नमाज ए जनाजा के बाद शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान इलाके में भारी पुलिस बल तैनात रहा। सोशल मीडिया पर अंतिम यात्रा का वीडियो वायरल हो गया, जिस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
STF के ऑपरेशन में ढेर हुआ शातिर बदमाश
एसटीएफ की फील्ड यूनिट मेरठ और मुजफ्फरनगर पुलिस ने छपार थाना क्षेत्र में संयुक्त कार्रवाई करते हुए शाहरुख को मुठभेड़ में पकड़ने की कोशिश की थी। पुलिस को देखते ही शाहरुख ने फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया। उसके पास से हथियार, कारतूस और एक वाहन भी बरामद किया गया।
आपराधिक इतिहास
शाहरुख पठान, निवासी खालापार, मुजफ्फरनगर, का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद संगीन रहा है। वह संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी गैंग का सक्रिय शूटर था। वर्ष 2016 में फरार होने के बाद उसने हरिद्वार में एक व्यापारी की हत्या की थी। 2024 में पुलिस कस्टडी में आसिफ जायदा की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था। इसके अलावा, हत्या के एक अन्य मामले में गवाह के पिता की हत्या करने पर उस पर ₹50,000 का इनाम घोषित हुआ था।
उक्त हत्याओं और अपराधों के चलते उसे उम्रकैद की सजा भी सुनाई गई थी, हालांकि हाल ही में वह जमानत पर बाहर आया था। जमानत के बाद भी वह गवाहों को धमकाने और जान से मारने की कोशिश कर रहा था। इसी क्रम में संभल जनपद में उसके खिलाफ एक और केस दर्ज किया गया था।
पुलिस का बयान
एसटीएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि मुठभेड़ के दौरान शाहरुख ने जानबूझकर पुलिस टीम पर गोलियां चलाईं, जिससे पुलिस को आत्मरक्षा में कार्रवाई करनी पड़ी। एनकाउंटर में वह गंभीर रूप से घायल हुआ और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई।