मुजफ्फरनगर। श्रावण मास के अवसर पर मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रियों के लिए भव्य सेवा शिविर की शुरुआत की गई। इस शिविर का उद्घाटन अंतरराष्ट्रीय संत महासभा के संरक्षक स्वामी माधवानंद सरस्वती ने किया।
उद्घाटन कार्यक्रम में स्वामी माधवानंद ने विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद का उल्लेख करते हुए मराठी को एक प्राचीन और सम्माननीय भाषा बताया तथा इसके सम्मान की आवश्यकता पर बल दिया।
स्वामी माधवानंद ने यह भी कहा कि भारत को नेपाल की तर्ज पर हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द बाद में जोड़ा गया था, जो स्वाभाविक रूप से देश की मूल भावना का हिस्सा नहीं था।
जनसंख्या नियंत्रण के विषय पर उन्होंने सभी धर्मों के लिए एक समान कानून की मांग की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के लिए अलग-अलग मापदंड भविष्य में सामाजिक असंतुलन उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे बहुसंख्यक समाज को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
शिविर में श्रद्धालुओं के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं, और स्वामी माधवानंद के विचारों ने कार्यक्रम को वैचारिक गंभीरता प्रदान की।