नई दिल्ली। वकीलों के नाम पर हो रही धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं पर सख्ती दिखाते हुए दिल्ली की एक अदालत ने अहम फैसला लिया है। अब अदालत परिसर में कोई भी क्लर्क, वादी या आम नागरिक सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके अलावा, वकीलों के क्लर्कों के लिए पहचान पत्र (ID Card) लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
15 जुलाई को जारी हुआ आदेश
यह फैसला 15 जुलाई को सामने आए एक नोटिस के जरिए लिया गया, जिसमें कहा गया कि कोर्ट परिसर में कुछ लोग सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर खुद को वकील या उनके सहायक के रूप में पेश कर रहे हैं और भोले-भाले वादियों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। अब ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए यह ड्रेस कोड प्रतिबंधित कर दिया गया है।
क्लर्कों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य
रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन (RCBA) की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, वकीलों के सभी क्लर्कों को अधिकृत पहचान पत्र प्राप्त करना होगा। 14 जुलाई को जारी एक अन्य नोटिस में बताया गया कि कई दलाल खुद को वकील या उनके क्लर्क के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं और वादियों से पैसे लेकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं। इससे न केवल न्यायिक प्रणाली की साख को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि कानूनी पेशे की गरिमा भी प्रभावित हो रही है।
15 अगस्त तक आईडी कार्ड बनवाना जरूरी
आरसीबीए ने सभी वकीलों से अपील की है कि वे अपने क्लर्कों के लिए 15 अगस्त 2025 तक अनिवार्य रूप से आईडी कार्ड बनवा लें। यह कदम कोर्ट परिसर में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।