कविता पर विवाद: शिक्षक पर एफआईआर, अखिलेश बोले- क्या यही है भाजपा का अमृतकाल?

बरेली के बहेड़ी क्षेत्र स्थित एमजीएम इंटर कॉलेज में एक शिक्षक की कविता के चलते विवाद खड़ा हो गया है। 12 जुलाई को विद्यालय की प्रार्थना सभा में हिंदी प्रवक्ता डॉ. रजनीश गंगवार द्वारा सुनाई गई कविता को लेकर कुछ हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई है। उनका आरोप है कि कविता में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है।

धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

महाकाल सेवा समिति के अध्यक्ष सचिन प्रजापति ने बहेड़ी कोतवाली में शिकायत देकर शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की। इसके आधार पर पुलिस ने डॉ. रजनीश गंगवार के खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है। क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार ने प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की और बताया कि जांच जारी है।

कविता का आशय शिक्षा और सदाचार पर था: शिक्षक का पक्ष

शिक्षक डॉ. रजनीश गंगवार ने सफाई देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षा, सदाचार और नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना था। उनका कहना है कि उन्होंने किसी भी धर्म को आहत करने की नीयत से कविता नहीं सुनाई थी। उन्होंने यह भी बताया कि वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी हैं और स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर भी रह चुके हैं।

राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू

विवाद के सियासी रंग लेने के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिक्षक का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि एक शिक्षक पर एफआईआर और स्कूल बंद कराए जा रहे हैं, क्या यही अमृतकाल है?

विद्यालय प्रशासन का रुख

विद्यालय के प्रधानाचार्य अशोक कुमार गंगवार ने बताया कि बच्चों की उपस्थिति कम होने के चलते शिक्षक ने छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए यह कविता सुनाई थी, लेकिन किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों से बचना चाहिए था। विद्यालय ने शिक्षक से स्पष्टीकरण भी मांगा है।

शिक्षक ने वीडियो जारी कर दी प्रतिक्रिया

एक वीडियो संदेश में डॉ. रजनीश गंगवार ने कहा कि यदि उनकी कविता से किसी की भावना आहत हुई हो तो वे क्षमा प्रार्थी हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कुछ राजनेता कांवड़ यात्रा पर टिप्पणी करते हैं, तब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन उन्हें शिक्षक होने के नाते निशाना बनाया जा रहा है।

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