अब तक निवेशक सोने को सुरक्षित और बेहतर विकल्प मानते रहे हैं, लेकिन बीते छह महीनों में चांदी ने निवेश के मामले में सोने को पछाड़ते हुए अधिक रिटर्न दिया है। इस तेजी के चलते चांदी की मांग में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आगामी समय में चांदी की कीमतों में और भी तीव्र बढ़ोतरी संभव है, जो इसे निवेश के लिहाज़ से और आकर्षक बना रही है।
इतनी हो गई है 1 किलो चांदी की कीमत
भारतीय बाजार में चांदी की कीमत 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई है, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में यह कीमत 1,40,000 रुपये प्रति किलो को छू सकती है और 2026 तक इसके 2,00,000 रुपये प्रति किलो तक जाने की संभावना है।
क्यों बढ़ रही है चांदी की चमक?
ऑगमोंट की प्रमुख विश्लेषक रेनीषा चैनानी का कहना है कि इंडस्ट्रियल मांग, सकारात्मक आर्थिक संकेत और निवेशकों की रुचि ने चांदी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। खासकर त्योहारों और शादियों के मौसम में भारत में चांदी की खपत तेजी से बढ़ती है, जिससे कीमतों को बल मिलता है।
वैश्विक बाजार में भी ऐतिहासिक उछाल
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी की कीमतें सितंबर 2011 के बाद पहली बार 39 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के ऊपर पहुंची हैं। पृथ्वीफिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च के मनोज कुमार जैन बताते हैं कि चांदी की दोहरी भूमिका—मूल्यवान धातु और औद्योगिक उपयोग की धातु—इसकी मांग को लगातार मजबूत बनाए हुए है।
ग्रीन टेक्नोलॉजी में चांदी की भूमिका
सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में चांदी की बढ़ती जरूरत ने इसकी औद्योगिक मांग को तेजी से बढ़ाया है। ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में इसके उपयोग से भविष्य में भी मांग मजबूत रहने की संभावना है।
निवेश का भी बन रहा प्रमुख विकल्प
बढ़ती महंगाई और वैश्विक अनिश्चितता के दौर में चांदी को निवेश के सुरक्षित माध्यम के रूप में भी देखा जा रहा है। देश में सिल्वर ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की लोकप्रियता बढ़ी है, और वर्तमान में इनकी होल्डिंग 1,200 मीट्रिक टन से अधिक हो चुकी है।
भविष्य की कीमतों पर विशेषज्ञों की राय
टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर विशेषज्ञ मानते हैं कि निकट भविष्य में चांदी 1,20,000 रुपये प्रति किलो का स्तर पार कर सकती है। वहीं, मार्च 2026 तक इसके 1,40,000 से लेकर 2,00,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। वैश्विक स्तर पर चांदी 50 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस तक जा सकती है, जिससे यह दीर्घकालिक निवेश के लिए एक प्रभावशाली विकल्प बनती जा रही है।