इस वर्ष ग्रेटर नोएडा स्थित बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर मोटो जीपी रेस का आयोजन नहीं किया जाएगा। उत्तर प्रदेश ने दो साल पहले इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय रेस का सफल आयोजन कर देश का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल किया था। वर्ष 2023 में हुए इस आयोजन के बाद डोर्ना स्पोर्ट्स के साथ 2025, 2026 और 2027 के लिए तीन साल का अनुबंध किया गया था। लेकिन इस बार 100 करोड़ रुपये की अपेक्षित राशि कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड से न मिल पाने के कारण इस वर्ष की रेस स्थगित कर दी गई है।
आयोजन की थी संयुक्त योजना
रेस आयोजन की जिम्मेदारी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की संयुक्त थी। पिछले वर्ष जुलाई में लखनऊ में डोर्ना स्पोर्ट्स एसएल और इन्वेस्ट यूपी के बीच इस संबंध में समझौता हुआ था। आयोजन पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था, जिसमें डोर्ना को 80 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस चुकाई जानी थी।
इसके लिए तीनों प्राधिकरणों द्वारा एक एस्क्रो खाता खोले जाने पर सहमति बनी थी, जिसमें प्रत्येक को 12.5 करोड़ रुपये जमा करने थे। आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति भी गठित की गई थी।
CSR फंड की बाधा बनी कारण
सरकारी सूत्रों के अनुसार, कार्यक्रम के लिए आवश्यक फंडिंग सीएसआर मद से जुटाने की योजना थी। मगर मोटो जीपी जैसे इवेंट को सीएसआर की परिभाषा में शामिल न किए जाने के कारण फंड आवंटित नहीं हो सका, और अंततः आयोजन को स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा।
दुनिया के सबसे लोकप्रिय आयोजनों में शामिल
मोटो जीपी दुनिया का पांचवां सबसे अधिक देखा जाने वाला खेल आयोजन माना जाता है, जिसके वीडियो विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर अब तक 400 करोड़ से अधिक बार देखे जा चुके हैं। वर्ष 2023 में पहली बार भारत में इसका आयोजन हुआ था, जिसने उत्तर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर ‘ब्रांड यूपी’ के रूप में प्रस्तुत करने का अवसर दिया था।
इस इवेंट में 275 से अधिक नामी वैश्विक कंपनियों ने भाग लिया था, जिनमें रेडबुल, शेल, बीएमडब्ल्यू, हॉन्डा, मिशेलिन, अमेज़न और डीएचएल जैसी कंपनियाँ शामिल थीं। करीब डेढ़ लाख दर्शकों ने कार्यक्रम में भाग लिया था, जिनमें से 10 हजार से अधिक अंतरराष्ट्रीय दर्शक थे। टिकट की कीमतें 1.80 लाख रुपये तक पहुँची थीं, जिससे इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।