गणेश की मौत मामले में पुलिस पर नहीं बनता लापरवाही का आरोप: एडीजीपी केके राव

हिसार के 12 क्वार्टर इलाके में 7 जुलाई को म्यूजिक सिस्टम को लेकर हुए विवाद के बाद 16 वर्षीय गणेश की मौत के मामले में एडीजीपी केके राव ने गुरुवार को प्रेस से बातचीत में स्पष्ट किया कि इस घटना में पुलिस की कोई चूक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस की ओर से कोई गलती होती, तो उसी दिन कार्रवाई की जाती। साथ ही उन्होंने चेताया कि भविष्य में इस प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

एडीजीपी राव ने जानकारी दी कि मृतक गणेश पर पहले से एक आपराधिक मामला दर्ज था और वह तीन माह जेल में भी रह चुका था। वहीं घायल युवक आकाश के बयानों में बदलाव के संबंध में उन्होंने बताया कि उसका बयान उसके पिता की मौजूदगी में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में लिया गया था और यदि आवश्यकता हुई तो पुलिस लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने को भी तैयार है।

उन्होंने यह भी बताया कि जिस दिन यह घटना हुई, उस समय सड़क पर तेज म्यूजिक बजा रहे कुछ युवक आपराधिक प्रवृत्ति के थे और कई युवकों पर पहले से 15 तक केस दर्ज हैं, जो बीते आठ वर्षों से अदालतों में लंबित हैं। पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान कई साक्ष्य एकत्र किए गए हैं, जो न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएंगे। पुलिस टीम पर हमले के मामले में 10 नामजद सहित करीब 12 से 13 अन्य व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज की गई है और उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है।

धरना कर रहे संगठनों पर सवाल, शव के अंतिम संस्कार की अपील

राव ने धरने पर बैठे संगठनों से अपील की कि वे पहले उन लोगों को कानून के हवाले करें जिन्होंने पुलिस टीम पर हमला किया। उन्होंने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, अतः अब शव का अंतिम संस्कार किया जाए।

घटना का विवरण

7 जुलाई को जन्मदिन कार्यक्रम के दौरान सड़क पर तेज म्यूजिक बजाने को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी। पुलिस के अनुसार, जब म्यूजिक बंद कराने टीम पहुंची, तो नशे में धुत युवकों ने उन पर हमला कर दिया। अफरा-तफरी में गणेश और आकाश छत से नीचे गिर पड़े, जिसमें गणेश की मृत्यु हो गई और आकाश घायल हो गया। पुलिस का दावा है कि गणेश ने स्वयं छलांग लगाई थी, जबकि परिजनों का आरोप है कि उसे पुलिस ने धक्का दिया।

परिजनों की मांगें व प्रशासन का रुख

गणेश के परिजन और कुछ सामाजिक संगठन 10 दिन से अधिक समय से सिविल अस्पताल में धरने पर बैठे हैं। वे आरोपित पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, एक करोड़ रुपये मुआवजा देने और न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव लेने से इनकार कर चुके हैं।

इस बीच प्रशासन ने हरियाणा शव सम्मान निपटान कानून 2025 के तहत 12 घंटे के भीतर अंतिम संस्कार करने का नोटिस गणेश के घर पर चस्पा किया है। निर्धारित समय सीमा पूरी होने के बाद प्रशासन द्वारा शव का जबरन अंतिम संस्कार किया जा सकता है।

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