मुजफ्फरनगर। संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़े खालापार, मुजफ्फरनगर निवासी शूटर शाहरुख पठान को एक पूर्व विधायक का संरक्षण प्राप्त था। जानकारी के अनुसार, बीते कुछ वर्षों में इस पूर्व विधायक ने शाहरुख और उसके साथियों के साथ मिलकर कई भूखंडों की खरीद-फरोख्त की थी, जिनमें शाहरुख को भी हिस्सेदारी मिली थी। इन तथ्यों के आधार पर एसटीएफ ने पूर्व विधायक के विरुद्ध कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। शासन को पत्र भेजकर उनकी संपत्तियों की जांच की संस्तुति की गई है, जिससे जल्द ही जांच प्रक्रिया प्रारंभ हो सकती है।
एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने तीन दिन पूर्व शाहरुख को छपार क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। लंबे समय से शाहरुख पर नजर रख रही एसटीएफ को इस दौरान पता चला कि वह एक पूर्व विधायक के संरक्षण में कार्य कर रहा था। मुठभेड़ के बाद बरामद शाहरुख के मोबाइल की जांच से यह बात स्पष्ट हो गई कि दोनों के बीच न केवल संबंध थे, बल्कि कई मामलों में साझेदारी भी थी। जमीन पर कब्जा करवाने और धमकी दिलाने जैसे मामलों में शाहरुख को सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया जाता था। बीते एक वर्ष में संपन्न कुछ प्रमुख जमीन सौदों की जानकारी एसटीएफ को मिली है, जिसे लेकर शासन को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें पूर्व विधायक, उनके परिजनों तथा शाहरुख के कुछ रिश्तेदारों की संपत्तियों की जांच की मांग की गई है।
मुजफ्फरनगर में डटी रही एसटीएफ टीम
बुधवार को एसटीएफ की टीम पूरे दिन मुजफ्फरनगर में डटी रही और पूर्व विधायक तथा शाहरुख के बीच संबंधों की गहराई से पड़ताल की गई। जांच में यह भी सामने आया कि शाहरुख के साथ उसके गिरोह के आठ अन्य सदस्य भी सक्रिय थे, जिनकी जानकारी एसटीएफ के पास है। मुठभेड़ के बाद से ये सभी फरार हैं और शुरुआती सुराग के मुताबिक, प्रदेश छोड़कर हरियाणा भागने की आशंका है। इनकी तलाश में टीमें सक्रिय हैं।
व्यवसायी को धमका कर जमीन हड़पने की कोशिश
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, कुछ माह पूर्व शाहरुख ने खालापार के एक व्यापारी को धमकाया था और उसकी जमीन को सस्ते दामों पर बेचने के लिए दबाव बनाया था। दिलचस्प बात यह है कि व्यापारी की जिस जमीन पर दबाव बनाया गया, उसके ठीक पीछे पूर्व विधायक की भूमि स्थित है। आरोप है कि अपने भूखंड का मूल्य बढ़ाने के उद्देश्य से विधायक ने पहले सीधे दबाव बनाया और जब बात नहीं बनी, तो शाहरुख के जरिये धमकी दिलाई गई।
एसपी एसटीएफ ब्रजेश सिंह ने बताया कि पूर्व विधायक ने शाहरुख पठान को संरक्षण प्रदान किया था और इस बात के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। शासन और मुख्यालय को इसकी जानकारी देकर विधिवत पत्राचार किया गया है। साथ ही संपत्ति जांच की प्रक्रिया भी प्रस्तावित है, जो वर्तमान में प्रचलित है।