मुज़फ्फरनगर। जून माह की प्रशासनिक रैंकिंग में ज़िले के पिछड़ने पर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने सख्त रवैया अपनाते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारियों की लापरवाही पर नाराज़गी जताई है। शासन द्वारा मूल्यांकन रिपोर्ट में कम अंक मिलने के कारण दर्जनों विभागीय प्रमुखों को फटकार लगाई गई है और 30 से अधिक अधिकारियों की प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की गई है।
डीएम ने एडीएम सदर, एसडीएम जानसठ और बुढ़ाना, उप संचालक चकबंदी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को प्रदर्शन में ढिलाई के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही बाट-माप विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, विद्युत, स्वास्थ्य, पूर्ति, जल निगम, सिंचाई, कृषि, सहकारिता, नगर निकायों और अन्य विभागों के निरीक्षकों और खंड अधिकारियों को भी सख़्त चेतावनी जारी की गई है।
इन अधिकारियों पर हुई सख्ती
सीएमओ, तीनों तहसीलों के एसडीएम, विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, जल निगम, पंचायत व ग्राम्य विकास, डीआईओएस, बीएसए, जिला कार्यक्रम अधिकारी, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी, सभी ब्लॉक के बीडीओ, बीईओ, बाल विकास परियोजना अधिकारी, पूर्ति निरीक्षक, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, आरटीओ, एआरएम, आबकारी, होमगार्ड, कृषि, समाज कल्याण और चकबंदी अधिकारियों सहित अन्य को जवाब तलब किया गया है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों की कार्यप्रणाली संतोषजनक नहीं पाई गई है, उनके खिलाफ न सिर्फ चेतावनी दी गई है बल्कि सभी की प्रतिकूल प्रविष्टि भी दर्ज कर दी गई है।
शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश
डीएम ने कहा कि लंबित प्रकरणों में शिकायतकर्ता से सीधे संपर्क किया जाए और स्थलीय निरीक्षण के आधार पर हर शिकायत की पुष्टि की जाए। संबंधित जांच अधिकारी द्वारा पोर्टल पर अपलोड की गई कार्रवाई का मूल्यांकन कर यह सुनिश्चित किया जाए कि निस्तारण गुणवत्तापरक हो।
यदि किसी मामले में लापरवाही या औपचारिकता भर दिखी तो संबंधित अधिकारी को दोषी मानते हुए स्पष्टीकरण के साथ सात दिन के भीतर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें चेतावनी, प्रतिकूल प्रविष्टि और उत्तरदायित्व तय करना शामिल होगा।