सप्ताह के अंतिम सत्र में शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत, निवेशक सतर्क

नई दिल्ली: शुक्रवार, 18 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। एशियाई बाजारों से मिले-जुले संकेतों, कमजोर तिमाही नतीजों और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर स्पष्टता की कमी ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला। इसके अलावा, रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के वित्तीय नतीजों से पहले बाजार में सतर्कता देखी जा रही है।

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

बीएसई सेंसेक्स ने कारोबार की शुरुआत 70 अंकों की गिरावट के साथ 82,193.62 पर की। इसके बाद इसमें अस्थिरता देखने को मिली और सुबह 10:30 बजे तक यह 505.15 अंक या 0.61% फिसलकर 81,754.09 पर आ गया।

उधर, एनएसई का निफ्टी-50 भी 25,108.55 पर खुला और शुरुआती मिनटों में 25,100 के नीचे फिसल गया। सुबह 9:25 बजे यह 159.85 अंक या 0.64% की गिरावट के साथ 24,951.60 पर कारोबार कर रहा था।

इन कारकों का दिखा असर

आज शेयर बाजार की दिशा कई वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स से प्रभावित हो रही है, जिनमें कंपनियों के Q1 नतीजे, विदेशी निवेश की प्रवृत्ति, विदेशी मुद्रा भंडार, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता की प्रगति, जापान की महंगाई और अमेरिका के आर्थिक आंकड़े शामिल हैं।

लूजर्स और गेनर्स पर नज़र

सेंसेक्स में एक्सिस बैंक, भारती एयरटेल, कोटक बैंक, एसबीआई और बजाज फिनसर्व जैसी कंपनियों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, टीसीएस, टाटा मोटर्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे शेयरों में बढ़त देखी गई।

13 प्रमुख सेक्टर इंडेक्स में से 10 में शुरुआत में तेजी दर्ज की गई। हालांकि, वित्तीय और निजी बैंकिंग शेयरों में क्रमशः 0.5% और 1.2% की गिरावट आई। एक्सिस बैंक के शेयर 5% से ज्यादा टूटे और यह निफ्टी-50 में सबसे ज्यादा नुकसान वाला स्टॉक रहा। दूसरी ओर, निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में क्रमशः 0.18% और 0.20% की बढ़त रही।

वैश्विक संकेत और अमेरिका के आंकड़े

एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख देखा गया, जबकि अमेरिका से आए बेहतर कॉर्पोरेट नतीजे और आर्थिक डेटा ने वैश्विक निवेशकों को राहत दी। अमेरिका में जून 2025 में रिटेल बिक्री 0.6% बढ़ी, जबकि पूर्वानुमान 0.1% का था। इसके अलावा, साप्ताहिक बेरोजगारी भत्ते के आंकड़े घटकर 2.21 लाख पर आ गए, जो अप्रैल के बाद सबसे कम हैं।

जापान में महंगाई में गिरावट

जापान में कोर मुद्रास्फीति जून में घटकर 3.3% पर आ गई, जो मई में 3.7% थी। यह गिरावट अपेक्षित रही और इसमें मुख्य भूमिका चावल की कीमतों में नरमी की रही। हालांकि, बैंक ऑफ जापान द्वारा ट्रैक की जाने वाली “कोर-कोर” मुद्रास्फीति 3.4% रही, जो मई में 3.3% थी।

प्रमुख एशियाई बाजारों की स्थिति:

  • ASX 200 (ऑस्ट्रेलिया): 0.69% की बढ़त
  • Nikkei (जापान): 0.20% की गिरावट
  • Topix (जापान): मामूली कमजोरी
  • Kospi (दक्षिण कोरिया): 0.4% की गिरावट

वॉल स्ट्रीट का प्रदर्शन:

  • S&P 500: 0.54% की बढ़त, 6,297.36 पर
  • Dow Jones: 0.52% ऊपर, 44,484.49 पर
  • Nasdaq: 0.7% की तेजी, 20,885.65 पर बंद

गुरुवार का बाजार हाल

गुरुवार, 17 जुलाई को भारतीय बाजार में कमजोरी रही। एशियाई संकेतों की अनिश्चितता और आईटी कंपनियों के उम्मीद से कमजोर Q1 परिणामों ने सेंटीमेंट्स पर असर डाला। आईटी शेयरों में करीब 3% की गिरावट रही। साथ ही, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के कार्यकाल को लेकर अनिश्चितता के चलते बाजार में दबाव बना रहा।

बीएसई सेंसेक्स दिन की शुरुआत 82,753.53 पर हुई, लेकिन कारोबार के दौरान यह गिरकर 82,219 तक आ गया और अंत में 375.24 अंकों की गिरावट के साथ 82,259 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 50 भी 25,230.75 पर खुलने के बाद दिनभर दबाव में रहा और 100.60 अंक की गिरावट के साथ 25,111 पर बंद हुआ।

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