हरिद्वार में कांवड़ मेला अपने शिखर पर पहुंच गया है। पैदल यात्रियों के बाद अब डाक कांवड़ियों का भारी जमावड़ा शहर में देखा जा रहा है। आगामी पांच दिनों तक कनखल स्थित बैरागी कैंप क्षेत्र पूरी तरह डाक कांवड़ यात्रियों की आवाजाही का केंद्र रहेगा। यहां आने वाले डाक कांवड़ वाहन इसी क्षेत्र में खड़े किए जाएंगे, और फिर सिंहद्वार से इन्हें रवाना किया जाएगा।

इस दौरान बैरागी कैंप श्रद्धालुओं से गुलजार रहेगा। इस बार भक्तों की संख्या ने पुराने सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है। 10 जुलाई से लेकर बुधवार तक लगभग 1 करोड़ 16 लाख 90 हजार शिवभक्त गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर चुके हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से आने वाले श्रद्धालुओं की रही।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष इसी अवधि में कुल 49 लाख 40 हजार कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे थे, जबकि इस बार यह आंकड़ा दोगुना से अधिक हो गया है। शुक्रवार से डाक कांवड़ वाहनों का आना शुरू हो गया है, और 22 जुलाई तक यह सिलसिला चरम पर रहेगा। बाइक, कार और ट्रकों से बड़ी संख्या में यात्री हरिद्वार पहुंच रहे हैं।

बैरागी कैंप का उपयोग प्रशासन आमतौर पर कुंभ, अर्द्धकुंभ, स्नान पर्व और कांवड़ मेले के दौरान करता है। वर्ष 2012 में तत्कालीन एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने यातायात और भीड़ प्रबंधन के लिए डाक कांवड़ वाहनों को बैरागी कैंप में प्रवेश देने की व्यवस्था शुरू की थी, जो अत्यंत सफल रही। तब से यह व्यवस्था हर वर्ष लागू की जाती है।