मानसून के मौसम में नगर निगम हेरिटेज की कार्यशैली से नाराज़ कांग्रेस पार्षदों ने शुक्रवार को प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक दर्जन से अधिक पार्षद नगर निगम मुख्यालय पहुंचे और आयुक्त निधि पटेल के कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सात दिन के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन तेज़ किया जाएगा।
“जनप्रतिनिधियों की भी नहीं हो रही सुनवाई”
कांग्रेस पार्षद दशरथ सिंह शेखावत ने निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी बोर्ड बनने के बाद नगर निगम में हालात बेहद खराब हो गए हैं। न तो आम नागरिकों की सुनवाई हो रही है और न ही जनप्रतिनिधियों की। उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और मेयर तथा आयुक्त स्थिति को नजरअंदाज़ कर रहे हैं।
कर्मचारियों के वेतन भुगतान में घोटाले के आरोप
शेखावत ने निगम की स्वास्थ्य शाखा के उपायुक्त देवानंद शर्मा पर विशेष रूप से आरोप लगाते हुए कहा कि वे एसेसर पद पर नियुक्त हैं, लेकिन उन्हें उपायुक्त का कार्यभार सौंप दिया गया है। उनके अनुसार, सफाईकर्मियों के भुगतान में भारी गड़बड़ी हो रही है और इस मुद्दे को जल्द ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में उठाया जाएगा।
पौधरोपण अभियान की जमीनी हकीकत
पार्षदों का आरोप है कि राज्य सरकार भले ही “एक पेड़ मां के नाम” जैसे अभियानों की बात कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि पार्षदों को न तो पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं और न ही ट्री गार्ड। उन्होंने कहा कि मानसून में पौधरोपण की माँग बढ़ती है, लेकिन निगम इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहा।
बीजेपी पार्षद भी असंतुष्ट
कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि नगर निगम की मौजूदा स्थिति से सत्तारूढ़ दल के पार्षद भी संतुष्ट नहीं हैं। इसी असंतोष के चलते कांग्रेस पार्षदों ने सांकेतिक धरना देकर विरोध जताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।