‘5 जेट गिराए गए’, ट्रंप के दावे पर कांग्रेस का वार- मोदी ने क्यों किया समझौता?

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का जिक्र करते हुए दावा किया है कि उनके हस्तक्षेप से दोनों देशों के बीच युद्ध टला। ट्रंप ने यह भी कहा कि तनाव के दौरान पांच जेट विमानों को मार गिराया गया, हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि किस पक्ष के विमान गिराए गए थे।

ट्रंप के इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पूछा कि क्या उन्होंने व्यापार के लिए देश की प्रतिष्ठा से समझौता किया?

कांग्रेस ने पीएम मोदी से मांगा जवाब

कांग्रेस ने कहा कि ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध को व्यापारिक दबाव से रोका, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। पार्टी ने यह भी पूछा कि क्या देश की विदेश नीति अब अमेरिका की व्यापारिक नीति के अनुसार संचालित हो रही है?

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और विपक्ष पहले से ही सरकार को ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर को लेकर घेरने की रणनीति बना रहा है।

व्हाइट हाउस में ट्रंप का दावा: पांच जेट मार गिराए गए

डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस में एक डिनर कार्यक्रम के दौरान दिया, जिसमें कुछ रिपब्लिकन सांसद भी मौजूद थे। ट्रंप ने कहा, “वास्तव में, विमानों को हवा में ही गिराया गया। संख्या चार या पांच रही होगी, लेकिन मेरा मानना है कि कुल पांच जेट मार गिराए गए।”

हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किन देशों के विमान गिराए गए। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने हवाई संघर्ष में पांच भारतीय विमानों को गिराया, जबकि भारत ने कहा कि उसने पाकिस्तान के “कुछ विमान” मार गिराए।

भारत ने किया ट्रंप के दावे को खारिज

भारत सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों से असहमति जताई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 17 जून को जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच करीब 35 मिनट तक फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें पीएम मोदी ने यह साफ किया था कि भारत किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता।

भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की पहल पर सैन्य स्तर की बातचीत शुरू हुई थी और सीजफायर के पीछे अमेरिका की व्यापारिक चेतावनी का कोई योगदान नहीं था। पीएम मोदी ने फोन पर ट्रंप को यह भी बताया था कि संघर्षविराम का निर्णय द्विपक्षीय बातचीत से लिया गया है, न कि किसी तीसरे पक्ष की भूमिका से।

10 मई को हुआ था युद्धविराम, इससे पहले चला ऑपरेशन सिंदूर

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच 10 मई को संघर्षविराम पर सहमति बनी थी। इससे पूर्व 7 मई की रात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी।

मानसून सत्र में उठ सकता है मामला

21 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में ट्रंप के दावे और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष सरकार को घेर सकता है। सत्र से पहले विपक्षी दलों की एक अहम बैठक में इन मुद्दों पर रणनीति तैयार किए जाने की संभावना है।

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