टीटीडी ने आचार संहिता उल्लंघन पर 4 गैर-हिंदू कर्मचारियों को किया निलंबित

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अपने चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इन कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए दूसरे धर्मों का पालन किया। निलंबित किए गए कर्मियों में एक डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, एक स्टाफ नर्स, एक फार्मासिस्ट और एक आयुर्वेदिक डॉक्टर शामिल हैं। यह कार्रवाई TTD के सतर्कता विभाग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर की गई है।

टीटीडी प्रशासन का कहना है कि संबंधित कर्मियों ने संस्था के धार्मिक मूल्यों के अनुरूप आचरण नहीं किया, जबकि वे एक हिंदू धार्मिक संस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इसी कारण उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, उनमें बी. एलिज़ार (डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल), एस. रोज़ी (स्टाफ नर्स, बीआईआरआरडी अस्पताल), एम. प्रेमवती (ग्रेड-1 फार्मासिस्ट, बीआईआरआरडी अस्पताल) और डॉ. जी. असुंथा (एसवी आयुर्वेद फार्मेसी) शामिल हैं।

गौरतलब है कि बीते वर्षों में TTD अधिनियम में तीन बार संशोधन किया गया है, जिसके तहत यह स्पष्ट किया गया कि देवस्थानम और इसके अधीन संस्थानों में केवल हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस कार्रवाई को इसी नियम के अनुपालन के तौर पर देखा जा रहा है।

तिरुपति मंदिर की संपत्ति भी चर्चा में
तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर को दुनिया के सबसे समृद्ध मंदिरों में गिना जाता है। आंध्र प्रदेश के शेषाचलम पर्वतमाला पर स्थित यह मंदिर हर साल भारी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। साल 2024 में एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर ट्रस्ट ने 1161 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट की थी, जो अब तक की सबसे बड़ी एफडी मानी जा रही है। फिलहाल ट्रस्ट के पास बैंकों में कुल जमा राशि करीब 13,287 करोड़ रुपये है।

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा तोंडमान द्वारा कराया गया था और 11वीं सदी में संत रामानुजाचार्य ने इसकी प्राण प्रतिष्ठा की थी।

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