दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को लेकर विदेशी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों पर आपत्ति जताते हुए, भारतीय पायलट संघ (FIP) ने कड़ा रुख अपनाया है। संघ ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स को कानूनी नोटिस भेजा है और उनसे माफी की मांग की है।
संघ के अध्यक्ष कैप्टन सीएस रंधावा ने बताया कि दोनों मीडिया संस्थानों द्वारा हादसे को लेकर की गई रिपोर्टिंग भ्रामक और बिना पुष्टि के प्रकाशित की गई है, जिससे न केवल मृत पायलटों की छवि धूमिल हुई है, बल्कि जनता के बीच गलत संदेश भी गया है।
बिना जांच रिपोर्ट के रिपोर्टिंग पर ऐतराज
एफआईपी ने अपने नोटिस में स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया के कुछ वर्ग हादसे की वजहों को लेकर बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के अटकलें फैला रहे हैं। इस तरह की रिपोर्टिंग ने ना सिर्फ पायलट समुदाय का मनोबल गिराया है, बल्कि शोक संतप्त परिवारों के लिए और भी तनाव का कारण बनी है।
संघ का कहना है कि जब तक दुर्घटना की अंतिम जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो जाती, तब तक किसी भी मीडिया संगठन को इस प्रकार की अटकलों पर आधारित रिपोर्टें प्रकाशित नहीं करनी चाहिए।
रॉयटर्स से स्पष्टीकरण और रिपोर्ट हटाने की मांग
रॉयटर्स को भेजे गए कानूनी नोटिस में विशेष रूप से 17 जुलाई 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट का जिक्र करते हुए इसे तत्काल संशोधित करने और किसी भी संभावित भ्रामक भाषा को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। एफआईपी ने रॉयटर्स से एक स्पष्ट स्पष्टीकरण जारी करने को भी कहा है, जिसमें यह स्वीकार किया जाए कि रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई जानकारी आधिकारिक नहीं थी।
एनटीएसबी के बयान का स्वागत
संघ के अध्यक्ष रंधावा ने अमेरिकी परिवहन सुरक्षा एजेंसी (NTSB) की ओर से हाल ही में दिए गए बयान का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एनटीएसबी की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी द्वारा पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग की आलोचना से स्पष्ट है कि अब यह मुद्दा केवल भारत तक सीमित नहीं रहा। एनटीएसबी ने भी मीडिया से आग्रह किया है कि वे एएआईबी (Aircraft Accident Investigation Bureau) की जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर न पहुंचे।
कैप्टन रंधावा ने कहा कि हमें एएआईबी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए और जिम्मेदार रिपोर्टिंग का पालन करना चाहिए। अफवाहों और अनुमान आधारित खबरों से न केवल सच्चाई पर पर्दा पड़ता है, बल्कि यह पेशेवरों की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है।