गाजा सिटी। गाजा पट्टी के दक्षिणी भाग में शनिवार को भारी गोलीबारी की घटनाओं में 50 से अधिक फलस्तीनियों की जान चली गई। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, ये लोग एक मानवीय राहत केंद्र की ओर भोजन प्राप्त करने जा रहे थे। घायल हुए कई लोगों का उपचार विभिन्न अस्पतालों में जारी है। घटनास्थल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भीड़ पर फायरिंग की गई, जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे।
इन घटनाओं के केंद्र में “गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन” (GHF) नामक एक संस्था है, जो मई से अमेरिका और इस्राइल के समर्थन से गाजा में खाद्य वितरण कर रही है। हालांकि, राहत केंद्रों के पास भीड़ पर फायरिंग की जानकारी से संस्था ने इनकार किया है।
दो स्थानों पर हुआ हमला
गोलीबारी की पहली घटना खान यूनिस के तेइना क्षेत्र में उस वक्त हुई जब सैकड़ों भूखे नागरिक राहत केंद्र की ओर बढ़ रहे थे। गवाहों का कहना है कि शुरू में चेतावनी स्वरूप फायरिंग की गई, लेकिन बाद में सीधी गोलाबारी हुई, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए। टैंक और ड्रोन से भी गोलीबारी की बात सामने आई है।
दूसरी घटना रफ़ा के शकूश इलाके में हुई, जहां भीड़ पर हुई फायरिंग में सात लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, जिनमें एक महिला भी शामिल थी।
पीड़ितों की आपबीती
घायलों को लेकर नासर अस्पताल पहुंचाए गए लोगों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। एक पीड़ित के पिता ने बताया कि उनका 19 वर्षीय बेटा भोजन लेने गया था, लेकिन लौटकर नहीं आया। उन्होंने मदद के लिए जॉर्डन सरकार से अपील की है।
संस्थाओं और सेना की प्रतिक्रिया
GHF ने गोलीबारी की घटना से इंकार करते हुए कहा है कि उसके केंद्रों पर कोई हमला नहीं हुआ और मौतों की वजह भीड़ में भगदड़ और अफवाहें हो सकती हैं। इस्राइली सेना की ओर से कहा गया है कि यदि भीड़ सीमा के अत्यधिक निकट आती है तो केवल चेतावनीस्वरूप फायरिंग की जाती है। हालांकि, इस विशेष घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इस्राइल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष में अब तक गाजा में 58,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। गाजा क्षेत्र में मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है, जहां अधिकांश नागरिक विस्थापित हैं और मूलभूत सेवाएं नष्ट हो चुकी हैं।