सीरिया सरकार ने दक्षिणी प्रांत सुवैदा में आंतरिक सुरक्षा बलों की तैनाती शुरू कर दी है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब क्षेत्र में ड्रूज और बेदोइन समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़पें तेज़ हो गई थीं। हालिया संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इस्राइल की सैन्य कार्रवाई के चलते स्थिति और जटिल हो गई है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नूरुद्दीन अल-बाबा ने बताया कि तैनाती का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा और अराजकता पर नियंत्रण है।
सरकार ने किया संघर्षविराम का ऐलान, टिकाऊपन पर सवाल
शनिवार को सीरियाई प्रशासन ने संघर्षविराम की घोषणा की, जिसे अमेरिका और इस्राइल द्वारा समर्थन मिलने के बाद सार्वजनिक किया गया। हालांकि, यह युद्धविराम कितना स्थायी रहेगा, इस पर संशय बना हुआ है। सरकार का कहना है कि इस कदम का मकसद खून-खराबा रोकना, देश की अखंडता बनाए रखना और नागरिकों को राहत देना है।
राष्ट्रपति ने बताया स्थिति ‘खतरनाक मोड़’ पर
राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने टेलीविजन पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक समुदाय उनसे सुवैदा में स्थिति नियंत्रित करने का अनुरोध कर रहा है। उन्होंने इस्राइल की सैन्य कार्रवाई को तनाव बढ़ाने वाला तत्व बताते हुए कहा कि यह संवेदनशील मोड़ पर पहुंच चुका है। साथ ही उन्होंने अमेरिका को सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया।
इस्राइली हमलों ने भड़काया असंतोष
बीते बुधवार को इस्राइली विमानों ने दमिश्क स्थित रक्षा मंत्रालय और सुवैदा क्षेत्र में सरकारी बलों को निशाना बनाया। इस्राइल ने दावा किया कि उसका उद्देश्य ड्रूज समुदाय की रक्षा करना है, जिसे वह अपना “भाई” मानता है। वहीं, सीरियाई राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता देश की एकता बनाए रखना है और कुछ गिने-चुने तत्व ही अशांति फैलाने में लगे हैं।
अलग-अलग राय, जारी रहा संघर्ष
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रूज गुट के भीतर संघर्षविराम को लेकर मतभेद हैं—कुछ इसे स्वीकार कर रहे हैं, तो कुछ संघर्ष जारी रखने की बात कर रहे हैं। वहीं, बेदोइन समूह सीरियाई सरकार की तरफ से आधिकारिक पुष्टि का इंतज़ार कर रहा है। रातभर झड़पों का सिलसिला जारी रहा, जबकि आम नागरिक सुरक्षाबलों की तैनाती को उम्मीद की किरण के रूप में देख रहे हैं।
सीमित समय के लिए मिला प्रवेश, हालात गंभीर
एक इस्राइली अधिकारी के मुताबिक, वर्तमान अस्थिरता को देखते हुए सीरियाई बलों को सुवैदा में 48 घंटे की सीमित एंट्री दी गई है। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक इस संघर्ष में 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार 80 हजार से ज्यादा लोग इस क्षेत्र को छोड़ चुके हैं। जो लोग अब भी वहां हैं, उन्हें पानी और बिजली जैसी मूलभूत सेवाओं के अभाव का सामना करना पड़ रहा है।
गोलान हाइट्स पर प्रदर्शन, इस्राइली कार्रवाई
गोलान हाइट्स के माजदल शम्स इलाके में शुक्रवार रात इस्राइली नागरिकता रखने वाले ड्रूज समुदाय के प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया गया। कुछ प्रदर्शनकारी सुरक्षा बाड़ लांघकर सीरियाई सीमा में चले गए थे, जिन्हें वापस लाने की प्रक्रिया जारी है।
राजनीतिक भ्रम और रणनीतिक संकेत
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीरियाई सरकार ने इस्राइल और अमेरिका की चुप्पी को इस रूप में देखा कि वह दक्षिणी इलाके में सेना भेज सकती है। यह अनुमान अमेरिका के विशेष दूत थॉमस बैरक के बयानों और इस्राइल के साथ हुई वार्ताओं पर आधारित था। विश्लेषकों का मानना है कि इस्राइली हमलों का उद्देश्य केवल ड्रूज समुदाय की सुरक्षा नहीं, बल्कि व्यापक रणनीतिक संतुलन साधना है।