कोच्चि। कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता डॉ. शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि उनके लिए देश सर्वोपरि है और पार्टी उसके बाद आती है। कोच्चि में ‘शांति, सौहार्द और राष्ट्रीय विकास’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं, और सभी दलों को अपने-अपने तरीके से इस लक्ष्य की ओर काम करने का अधिकार है।
देश की प्राथमिकता पर अडिग हूं: थरूर
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पहली निष्ठा भारत के प्रति है। उन्होंने कहा, “सभी राजनीतिक दलों का उद्देश्य राष्ट्र की प्रगति है, भले ही उनके मार्ग अलग-अलग हों। मैं जो भी कहता हूं, वह देशहित में सोचकर कहता हूं। हाल ही में कुछ मुद्दों पर मैंने सरकार और सेना का समर्थन किया, जिस पर सवाल उठाए गए, लेकिन मैं अपने रुख पर कायम हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह राष्ट्र के हित में है।”
राष्ट्रहित में एकजुटता जरूरी
थरूर ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में राजनीति विचारों की प्रतिस्पर्धा है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विषयों पर दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “कभी-कभी पार्टियां इसे निष्ठा की परीक्षा समझ बैठती हैं, जबकि यह समझना जरूरी है कि कुछ मुद्दे राजनीति से परे होते हैं।”
राजनीति में सेवा का उद्देश्य
डॉ. थरूर ने कहा कि उन्होंने राजनीति को राष्ट्रसेवा का माध्यम माना है और वह देश के विकास में सकारात्मक योगदान देने के लिए राजनीति के भीतर और बाहर, दोनों स्तरों पर सक्रिय हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि समावेशी विकास उनके राजनीतिक जीवन का केंद्रबिंदु रहा है।
हाईकमान से किसी प्रकार की असहमति नहीं
कांग्रेस नेतृत्व से किसी असहमति को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी विवाद या राजनीतिक बहस का हिस्सा बनने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा, “मैं यहां सिर्फ विकास, सौहार्द और सामाजिक समरसता की बात करने आया हूं।”
सर्वे पर दी प्रतिक्रिया
जब एक हालिया सर्वे के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्हें केरल में कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ के संभावित मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में सबसे आगे बताया गया था, तो उन्होंने कहा, “मैंने उस सर्वे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। किसी ने मुझे वह सर्वे भेजा था और मैंने सिर्फ एक इमोजी के साथ प्रतिक्रिया दी थी।”