ओडिशा के बालंगा थाना क्षेत्र में पेट्रोल डालकर जलाई गई 15 वर्षीय किशोरी को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। एम्स भुवनेश्वर से एयर एम्बुलेंस के जरिए उसे राष्ट्रीय राजधानी लाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
घटना शनिवार की सुबह उस वक्त हुई जब किशोरी कहीं जा रही थी। इसी दौरान तीन युवकों ने उसे जबरन अगवा कर नदी किनारे ले जाकर उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। करीब 70 प्रतिशत जल चुकी पीड़िता किसी तरह एक घर तक पहुंची, जहां लोगों ने उसे प्राथमिक मदद दी और परिजनों को सूचना दी। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़िता को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली एम्स भेजा गया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, “राज्य सरकार इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मैं भगवान जगन्नाथ से लड़की के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।”
भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीणा के अनुसार, पीड़िता को एम्स भुवनेश्वर से बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। वहां से एयर एम्बुलेंस द्वारा उसे दिल्ली भेजा गया।
घटना के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) वाईबी खुरानिया ने घटनास्थल का दौरा किया और इसे बेहद अमानवीय बताया। उन्होंने कहा कि मामला अत्यंत संवेदनशील है, इसलिए फॉरेंसिक टीम और एम्स भुवनेश्वर के विशेषज्ञों के साथ मिलकर हर पहलू की जांच की जा रही है।
एम्स भुवनेश्वर के बर्न सेंटर के प्रमुख डॉ. संजय गिरि ने बताया कि लड़की 70 फीसदी तक झुलस चुकी है, लेकिन उसकी हालत स्थिर है और उसमें सुधार हो रहा है। उसे कृत्रिम ऑक्सीजन पर रखा गया था।
इधर, पीड़िता के परिजनों ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता के चचेरे भाई ने बताया कि पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी गई है। हालांकि, घटना के पीछे कौन लोग हैं, यह स्पष्ट नहीं है। परिजनों का कहना है कि अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
ओडिशा के बालंगा थाना क्षेत्र में पेट्रोल डालकर जलाई गई 15 वर्षीय किशोरी को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। एम्स भुवनेश्वर से एयर एम्बुलेंस के जरिए उसे राष्ट्रीय राजधानी लाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
घटना शनिवार की सुबह उस वक्त हुई जब किशोरी कहीं जा रही थी। इसी दौरान तीन युवकों ने उसे जबरन अगवा कर नदी किनारे ले जाकर उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। करीब 70 प्रतिशत जल चुकी पीड़िता किसी तरह एक घर तक पहुंची, जहां लोगों ने उसे प्राथमिक मदद दी और परिजनों को सूचना दी। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़िता को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली एम्स भेजा गया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, “राज्य सरकार इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मैं भगवान जगन्नाथ से लड़की के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।”
भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीणा के अनुसार, पीड़िता को एम्स भुवनेश्वर से बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। वहां से एयर एम्बुलेंस द्वारा उसे दिल्ली भेजा गया।
घटना के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) वाईबी खुरानिया ने घटनास्थल का दौरा किया और इसे बेहद अमानवीय बताया। उन्होंने कहा कि मामला अत्यंत संवेदनशील है, इसलिए फॉरेंसिक टीम और एम्स भुवनेश्वर के विशेषज्ञों के साथ मिलकर हर पहलू की जांच की जा रही है।
एम्स भुवनेश्वर के बर्न सेंटर के प्रमुख डॉ. संजय गिरि ने बताया कि लड़की 70 फीसदी तक झुलस चुकी है, लेकिन उसकी हालत स्थिर है और उसमें सुधार हो रहा है। उसे कृत्रिम ऑक्सीजन पर रखा गया था।
इधर, पीड़िता के परिजनों ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता के चचेरे भाई ने बताया कि पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी गई है। हालांकि, घटना के पीछे कौन लोग हैं, यह स्पष्ट नहीं है। परिजनों का कहना है कि अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।