69000 शिक्षक भर्ती: आरक्षण विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में कल अहम सुनवाई

69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में कथित गड़बड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई संभावित है। इस मामले में न्याय की प्रतीक्षा कर रहे अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि कोर्ट उनकी बात सुनेगा और उन्हें राहत मिलेगी।

इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए आंदोलन कर रहे अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने कहा कि आरक्षण नियमों के अनुपालन में गंभीर खामियां रही हैं, जिसके कारण हजारों योग्य अभ्यर्थी अब तक नियुक्ति से वंचित हैं। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पहले ही उनके पक्ष में निर्णय सुनाया था, लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

पटेल के अनुसार, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनी समिति की जांच और हाईकोर्ट का आदेश—तीनों ही आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों के पक्ष में हैं। इसके बावजूद अभी तक उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है, जो कि साफ तौर पर अन्याय है।

उधर, एक अन्य छात्र संगठन की ओर से प्रदेश भर के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर 21 जुलाई को अनिवार्य रूप से सुनवाई सुनिश्चित कराने की अपील की है। यह पत्र ईमेल व रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से भेजा गया है।

अभ्यर्थियों ने पत्र में विस्तार से बताया है कि 2020 से यह मामला लंबित है और बीते 11 महीनों से वे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। उनका आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से मामले को लेकर किसी तरह की ठोस पहल नहीं की जा रही, जिससे प्रभावित अभ्यर्थियों में गहरी निराशा व्याप्त है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here