आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), पटना की टीम ने सुपौल जिले के करजाईन थाना क्षेत्र के गोसपुर गांव में छापेमारी कर एक युवक को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया युवक हर्षित मिश्र किसान परिवार से ताल्लुक रखता है और खुद को शेयर बाजार का कारोबारी बताता रहा है। ईओयू द्वारा की गई यह कार्रवाई करोड़ों रुपये की ठगी और साइबर अपराध की आशंका के मद्देनज़र की गई है, हालांकि आधिकारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
खाते में आए थे सात करोड़ रुपये
शनिवार दोपहर करीब दो बजे शुरू हुई छापेमारी करीब 19 घंटे तक चली। इस दौरान आठ स्कॉर्पियो में सवार लगभग 25 से 30 अधिकारियों की टीम ने हर्षित के घर से सैकड़ों सिम कार्ड, दर्जनों मोबाइल, सिम लगाने वाला उपकरण, लैपटॉप, बायोमेट्रिक डिवाइस और नोट गिनने की मशीन समेत कई अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए।
पूछताछ में पता चला कि जिन मोबाइल और लैपटॉप का वह उपयोग करता था, वे उस बैंक खाते से जुड़े थे जिसमें सात करोड़ रुपये जमा थे। यह खाता पहले ही साइबर सेल द्वारा फ्रीज किया जा चुका था। इसी आधार पर ईओयू की कार्रवाई की गई। टीम में ईओयू के अलावा सुपौल एसपी और साइबर सेल के अधिकारी शामिल रहे। कार्रवाई के बाद हर्षित को पटना ले जाया गया।
पहले नहीं था आपराधिक रिकॉर्ड
करजाईन थानाध्यक्ष लालजी प्रसाद ने बताया कि यह मामला पूरी तरह ईओयू के अधीन है। थाने में हर्षित के खिलाफ पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
परिवार से बिकवाई जमीन, शेयर ट्रेडिंग का दावा
गांववालों के अनुसार, 27 वर्षीय हर्षित, किसान विकास मिश्र का बड़ा पुत्र है और उसके दादा पंचायत प्रमुख रह चुके हैं। पहले उसके परिवार के पास 50 बीघा से अधिक जमीन थी, जिसे धीरे-धीरे बेच दिया गया। तीन साल पहले हर्षित ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर पिता से जमीन बिकवा कर पैसा लिया और पढ़ाई के लिए फारबिसगंज और फिर पटना गया। उसके बाद वह कभी-कभी ही गांव लौटता था।
हाल ही में बदला राजनीतिक दल
हर्षित पूर्व में भाजपा से जुड़ा था और स्कॉर्पियो गाड़ी पर पार्टी का झंडा लगाकर दो निजी सुरक्षा गार्डों के साथ घूमता था। हाल ही में उसने जदयू का दामन थाम लिया और युवा मोर्चा में प्रदेश सचिव पद प्राप्त किया। आरोप है कि उसने राजनीतिक पहुंच के आधार पर सरकारी सुरक्षा की मांग की थी, जो बाद में खारिज कर दी गई। कार्रवाई के बाद गांव में सन्नाटा है और लोग चर्चा कर रहे हैं कि उसकी जीवनशैली हाल के वर्षों में काफी बदली थी।
पिता बोले—राजनीतिक साजिश
हर्षित के पिता विकास मिश्र ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया है। उनके अनुसार, हर्षित पिछले तीन-चार वर्षों से गांव में रहकर रियल एस्टेट का कार्य और राजनीति में सक्रिय था। हाल ही में उसे युवा जदयू का प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया था।