धर्मनगरी हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने गंतव्यों की ओर बढ़ने वाले शिवभक्तों की संख्या सोमवार शाम तक 3 करोड़ 56 लाख 90 हजार से अधिक हो चुकी है। पुलिस और प्रशासन के अनुसार, केवल रविवार शाम छह बजे से लेकर सोमवार शाम छह बजे तक ही करीब 55 लाख श्रद्धालु हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों से कांवड़ भरकर लौट चुके हैं।

हरकी पैड़ी, भीमगोडा और सुभाष घाट जैसे प्रमुख स्थलों पर डाक और सामान्य कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ी रही। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि 10 से 21 जुलाई के बीच लगभग 3.56 करोड़ श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लेकर रवाना हुए हैं। रविवार को जहां 53 लाख भक्त लौटे, वहीं सोमवार को यह आंकड़ा 55 लाख तक पहुंच गया।

रिशिकेश में जाम में फंसे श्रद्धालु, पुलिस ने संभाला मोर्चा
ऋषिकेश के श्यामपुर फाटक पर ट्रेन के कारण लगे भीषण जाम को हटाने के लिए एसएसपी अजय सिंह ने स्वयं मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। गर्मी और उमस से बेहाल एक बाइक सवार कांवड़िए की हालत बिगड़ने पर एसएसपी ने दौड़कर उसे सहारा दिया और तत्काल प्राथमिक उपचार दिलवाया। इसके बाद एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल भिजवाया गया।

100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी घंटों में तय कर रहे कांवड़िए
कांवड़ मेले के अंतिम चरण में डाक कांवड़िए तेज रफ्तार से अपने गंतव्यों की ओर दौड़ रहे हैं। बाबा भोलेनाथ के जयकारों के साथ कुछ ही घंटों में 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी नाप रहे हैं। श्रद्धालुओं का उत्साह इतना अधिक है कि हरिद्वार से मेरठ, शामली, हापुड़ और गाजियाबाद तक की दूरी कुछ घंटों में पूरी करने का संकल्प लिया गया है।

डाक कांवड़ को सबसे कठिन और तेज़ यात्रा चरण माना जाता है, जिसमें शिवभक्त जल भरने के बाद बिना विश्राम किए लगातार दौड़ते हैं। बागपत के श्रद्धालु छह घंटे में 180 किलोमीटर और गाजियाबाद के युवा सात घंटे में 195 किलोमीटर की दूरी तय करने का दावा कर रहे हैं। कांवड़िए आशीष और मोहित ने बताया कि वे सुबह 8 बजे जल भरकर सीधे हिंडन तक दौड़ने का इरादा रखते हैं। वहीं मेरठ से अनुज शर्मा और कपिल त्यागी ने कहा, “हमारे हर कदम बाबा को समर्पित हैं, थकान हमारे पास नहीं आती।”

बागपत के टिकरी निवासी सुधीर कुमार ने बताया कि उनकी पांच लोगों की टीम छह घंटे में हरिद्वार से बागपत पहुंचने का लक्ष्य लेकर निकली है। उन्होंने भरोसा जताया कि भगवान शिव की कृपा से समय पर गंतव्य तक पहुंचेंगे।