हिमाचल प्रदेश में मानसून की मार लगातार जारी है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। मंगलवार सुबह 10 बजे तक तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 435 सड़कों पर यातायात बाधित रहा, जबकि 534 बिजली ट्रांसफार्मर और 197 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 262 सड़कें और 201 ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं।
एनएच-21 पर चट्टानों से जाम, सैकड़ों वाहन फंसे
मंडी के दवाड़ा फ्लाईओवर के पास नेशनल हाईवे-21 पर भूस्खलन के चलते पहाड़ी से विशाल चट्टानें गिर पड़ीं, जिससे सैकड़ों वाहन कई घंटों से फंसे हैं। हाईवे को खोलने का प्रयास जारी है। शिमला शहर में भी कई जगहों पर पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई हैं।
चलती गाड़ी पर गिरीं चट्टानें, दो घायल
नित्थर-लुहरी मार्ग पर खेगसू के पास सोमवार देर रात एक चलती कार पर चट्टानें गिरने से दो व्यक्ति घायल हो गए। हादसे के बाद सड़क करीब 12 घंटे बंद रही और मंगलवार सुबह 10 बजे के आसपास यातायात बहाल हो सका। घायल व्यक्तियों की पहचान राकेश (गांव कुटवा) और विक्रम (गांव दुराह) के रूप में हुई है।
मानसून सीजन में अब तक 132 मौतें, 1438 मकानों को नुकसान
20 जून से 21 जुलाई तक के दौरान राज्य में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में 132 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 223 घायल हुए हैं। अब भी 34 लोग लापता हैं। सड़कों पर हुए हादसों में 58 लोगों की मौत हुई है। बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण 1438 मकान व दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं, वहीं 1005 गोशालाएं भी तबाह हो गई हैं। अब तक 1305 पालतू पशुओं की जान जा चुकी है। राज्य को कुल 1246.90 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
28 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग शिमला ने राज्य में 28 जुलाई तक बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है। 22, 26 से 28 जुलाई तक कुछ इलाकों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। बीते 24 घंटों में अंब में 94.2 मिमी, भराड़ी में 67.8 मिमी और जोगिंद्रनगर में 48 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
पुलिस को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश, पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी
राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में भूस्खलन, जलभराव और सड़क बंद होने की आशंका है। डीजीपी अशोक तिवारी ने संबंधित क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (QRT) को सक्रिय कर दिया गया है। पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों से अनावश्यक यात्रा, विशेष रूप से रात्रि भ्रमण से बचने की अपील की गई है। नदियों और नालों के आसपास न जाने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि जलस्तर अचानक बढ़ सकता है।