नई दिल्ली — एअर इंडिया ने अपने पूरे बोइंग 787 और बोइंग 737 बेड़े में ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) लॉकिंग मैकेनिज्म की सावधानपूर्वक जांच पूरी कर ली है। एयरलाइन ने बताया कि यह प्रक्रिया नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा 14 जुलाई 2025 को जारी निर्देशों के तहत निर्धारित समयसीमा में संपन्न की गई। निरीक्षण के दौरान कोई तकनीकी खामी नहीं पाई गई।
प्रारंभिक जांच 12 जुलाई को शुरू हुई
एअर इंडिया ने स्वयं 12 जुलाई को इस निरीक्षण की शुरुआत कर दी थी, जो DGCA के निर्देश से पहले का कदम था। विमानन कंपनी के अनुसार, सभी आवश्यक परीक्षण और तकनीकी मूल्यांकन नियामकीय मानकों के अनुरूप पूरे कर लिए गए हैं और इस बारे में DGCA को सूचित भी कर दिया गया है।
12 जून की दुर्घटना के बाद एहतियाती कदम
यह निरीक्षण उस दुर्घटना के मद्देनज़र किया गया, जिसमें 12 जून को एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान, अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट की उड़ान के दौरान, टेकऑफ के ठीक बाद एक इमारत से टकरा गया था। इस दर्दनाक हादसे में 260 लोगों की जान गई थी, जिनमें 242 यात्री और चालक दल के सदस्य, तथा 19 जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे।
DGCA की प्रारंभिक रिपोर्ट में ईंधन नियंत्रण स्विच की भूमिका उजागर
DGCA की 15-पृष्ठीय प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया कि फ्यूल कंट्रोल स्विच टेकऑफ के ठीक एक सेकंड बाद ही बंद हो गए थे, जिससे इंजन को ईंधन आपूर्ति बाधित हुई और दुर्घटना घटी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही देशभर में संचालित बोइंग विमानों की जाँच के निर्देश जारी किए गए थे।
एअर इंडिया की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया
एअर इंडिया के प्रवक्ता ने बयान में कहा, “हमारी टीम ने DGCA के दिशा-निर्देशों के अनुरूप निरीक्षण कार्य समय रहते पूरा कर लिया है। जांच में कोई तकनीकी खामी नहीं पाई गई है। यात्रियों और क्रू की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम निरंतर सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”