मंगलवार को संसद परिसर में विपक्षी दलों के सांसदों ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ तीव्र विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में सांसदों ने मकर द्वार के पास प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि मतदाता सूची में संशोधन की आड़ में मताधिकार में सेंध लगाने की कोशिश की जा रही है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है।
प्रदर्शन के दौरान सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था—“एसआईआर: भारतीय अधिकारों की चोरी” और “एसआईआर: भारतीय गणराज्य को नुकसान”। इस प्रदर्शन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ सपा, राजद, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत कई विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए।
इससे पहले, इंडिया गठबंधन की बैठक हुई, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मौजूद थे। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने बताया कि विपक्ष ने तय किया है कि संसद में जिन गंभीर मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए।
उन्होंने बताया कि विपक्ष पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम से जुड़े अंतरराष्ट्रीय बयान, एसआईआर प्रक्रिया, परिसीमन, वंचित वर्गों पर हो रहे अत्याचार, मणिपुर की स्थिति और एआई-171 विमान दुर्घटना जैसे विषयों पर प्रधानमंत्री की उपस्थिति की मांग करेगा।
विपक्ष का मानना है कि ये सारे मुद्दे आम जनता से सीधे जुड़े हैं और इन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि राहुल गांधी को सदन में बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि विपक्ष दोनों सदनों में एसआईआर को प्रमुख मुद्दा बनाए रखेगा।