बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की राजनीति तेज़ हो गई है। इसी बीच कांग्रेस समर्थक और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी। एक पॉडकास्ट साक्षात्कार में उन्होंने हिंदी-मराठी विवाद, बिहार चुनाव, तेजस्वी यादव, असदुद्दीन ओवैसी, प्रशांत किशोर और मंच विवाद समेत कई विषयों पर अपनी बात खुलकर रखी।
हिंदी-मराठी विवाद पर ठाकरे बंधुओं को चेतावनी
पप्पू यादव ने महाराष्ट्र में जारी हिंदी बनाम मराठी बहस पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को सीधी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई हिंदीभाषी या बिहार-झारखंड के लोगों को अपमानित करेगा, तो वे खुद मुंबई जाकर उसका राजनीतिक तौर पर विरोध करेंगे। साथ ही यह भी चेताया कि अगर ज़रूरत पड़ी तो बिहार में मराठी संस्थानों को बंद करा देंगे।
राज्य के बाहर बिहारी लोगों पर हमले को लेकर नाराज़गी
बिहारियों के साथ हो रही घटनाओं का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि गुजरात, मणिपुर और असम जैसे राज्यों में बिहारी नागरिकों को निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया कि गुजरात में उन पर हमला हुआ, ईंट फेंके गए और जान से मारने की धमकी भी मिली। उन्होंने दावा किया कि ऐसी घटनाओं के बाद वे खुद कई बार पीड़ितों को सुरक्षित वापस लेकर आए।
प्रशांत किशोर पर कड़ा हमला
प्रशांत किशोर की पार्टी में शामिल होने के सवाल पर पप्पू यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि “प्राइम टाइम में तो खबर चला दी गई थी, सुबह ही शामिल होने की बात भी कह दी गई।” उन्होंने आगे कहा कि वे छह बार निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन आज के दौर में विकास के नाम पर नहीं, बल्कि जाति और धर्म के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं।
उन्होंने प्रशांत किशोर को सलाह दी कि मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा से पहले उन्हें अपनी जाति का एक वोट जुटाने की क्षमता साबित करनी चाहिए।
ओवैसी पर भी दी प्रतिक्रिया
पप्पू यादव ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जैसे बीजेपी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, वैसे ही ओवैसी को भी है। लेकिन सीमांचल सहित बिहार में उनकी मौजूदगी कोई बड़ा असर नहीं डालेगी। उन्होंने कहा, “हर किसी का थोड़ा बहुत असर होता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो निर्णायक प्रभाव डाल पाएंगे।”
राहुल गांधी, कांग्रेस और कन्हैया पर राय
पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस हर वर्ग की पार्टी है और बीजेपी विरोधियों के लिए विकल्प बनी रहती है। कन्हैया कुमार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वो प्रतिभाशाली हैं और अगर चुनाव लड़ें तो जीतने योग्य हैं।
“घमंडी युवराज” के साथ मंच साझा करने से इनकार
महागठबंधन के प्रदर्शन के दौरान एक वाहन पर न चढ़ने देने की घटना पर उन्होंने साफ किया कि वो कभी किसी “घमंडी युवराज” के साथ मंच साझा नहीं करेंगे। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि कोई नेता जो केवल परिवार की विरासत के दम पर राजनीति करता है और संघर्ष का अनुभव नहीं रखता, उसके साथ खड़े होने का कोई कारण नहीं है। मंच से गिरने की घटना पर उन्होंने कहा कि उन्हें जानबूझकर रोका नहीं गया, बल्कि भीड़ के दबाव में वे खुद गिर पड़े।