ओपनएआई का चैटजीपीटी अब वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स में शामिल हो चुका है। Axios की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसे रोज़ाना करीब 2.5 अरब से ज्यादा प्रॉम्प्ट्स यानी सवाल भेजे जा रहे हैं। इनमें से अकेले अमेरिका से 33 करोड़ सवाल रोज़ पूछे जा रहे हैं। आइए जानें कि यह AI टूल इतनी तेज़ी से कैसे लोकप्रिय हुआ।
चैटजीपीटी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने पिछले साल डिसंबर में न्यूयॉर्क टाइम्स के DealBook सम्मेलन में बताया था कि चैटजीपीटी एक दिन में 1 अरब प्रश्नों को प्रोसेस कर रहा है। उस वक्त यह आंकड़ा काफी चौंकाने वाला था, लेकिन अब इसमें दोगुने से भी ज्यादा वृद्धि हो चुकी है।
TED Talk के एक सत्र में ऑल्टमैन ने यह भी साझा किया कि दुनियाभर में करीब 10% लोग अब चैटजीपीटी का उपयोग कर रहे हैं। दिसंबर 2023 में इसके साप्ताहिक यूजर्स की संख्या 30 करोड़ थी, जो मार्च 2024 तक बढ़कर 50 करोड़ हो गई। मई 2024 तक, डेली एक्टिव यूज़र्स की संख्या पिछले एक साल में चार गुना बढ़ चुकी है।
मुफ्त वर्जन सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा
हालाँकि OpenAI ने ChatGPT का प्लस वर्जन भी उपलब्ध कराया है, लेकिन अधिकांश यूजर्स अभी भी इसके फ्री वर्जन का उपयोग कर रहे हैं। इसकी वजह इसका सरल इंटरफेस, अनेक उपयोगी फीचर्स, और विविध कार्यों में सहायक होना मानी जा रही है। लोग इसे शैक्षणिक जरूरतों से लेकर ऑफिस के कार्यों तक में उपयोग कर रहे हैं।
गूगल क्रोम को टक्कर देने की तैयारी
OpenAI केवल सवाल-जवाब तक ही सीमित नहीं रहना चाहता। हालिया रिपोर्टों के मुताबिक, कंपनी अब एक ऐसा AI आधारित वेब ब्राउज़र विकसित कर रही है, जो सीधे तौर पर गूगल क्रोम को चुनौती देगा।
इसके अलावा OpenAI ने हाल में ChatGPT Agent नाम का एक नया टूल भी लॉन्च किया है। यह टूल यूज़र के कंप्यूटर पर काम खुद से कर सकता है, यानी इसमें पूरी तरह ऑटोनॉमस कार्यक्षमता है और उपयोगकर्ता को हर बार निर्देश देने की आवश्यकता नहीं होगी।