सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि 12 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (GST) के टैक्स स्लैब को समाप्त करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। इस श्रेणी में दूध, दही, पनीर जैसे आवश्यक उत्पाद शामिल हैं। कुछ समय पहले ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि जीएसटी काउंसिल द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की ओर से इस स्लैब को हटाने पर सहमति बन चुकी है, लेकिन सरकार ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है।
वित्त राज्य मंत्री ने दी जानकारी
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 21 जुलाई को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि जीएसटी दरों में तत्काल किसी बदलाव का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। उन्होंने बताया कि दरों में संशोधन केवल जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर आधारित होता है, जो एक संवैधानिक संस्था है और इसमें केंद्र व राज्य दोनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
GoM की रिपोर्ट अब तक नहीं सौंपी गई
चौधरी ने कहा कि जीएसटी दरों की समीक्षा और उसे तर्कसंगत बनाने के लिए 17 सितंबर 2021 को काउंसिल की 45वीं बैठक में मंत्रियों के एक समूह का गठन किया गया था। हालांकि, यह समूह अब तक अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंप पाया है। ऐसे में सरकार के पास न तो इस संबंध में कोई रिपोर्ट आई है और न ही कोई प्रस्ताव विचाराधीन है।
आम आदमी को तत्काल राहत की उम्मीद नहीं
सरकार की इस स्थिति स्पष्टता के बाद यह साफ हो गया है कि निकट भविष्य में 12 फीसदी जीएसटी स्लैब में कोई कटौती नहीं की जाएगी। इससे आम उपभोक्ताओं को दूध-दही जैसे उत्पादों पर कीमत में राहत मिलने की उम्मीद फिलहाल टल गई है।