कालेधन पर संसद में सवाल-जवाब, सरकार बोली- वसूली जारी, जांच सख्त

देश में लंबे समय से चर्चा का विषय बना कालेधन का मामला एक बार फिर संसद के उच्च सदन में उठा। राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने सवाल किया कि क्या स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई धनराशि तीन गुना से अधिक बढ़ गई है? इसके जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले दस वर्षों में कालेधन से जुड़े मामलों में कुल 338 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।

सांसद जावेद अली खान ने यह भी पूछा कि स्विस नेशनल बैंक के मुताबिक, 2024 में भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा राशि 3.5 बिलियन स्विस फ्रैंक (करीब 37,600 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है, जो 2021 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। इसके साथ ही उन्होंने 2022 से 2025 के बीच विदेशों से लाए गए कालेधन का वर्षवार और देशवार ब्यौरा भी मांगा।

सरकार ने क्या कहा?

सरकार ने अपने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में स्विस नेशनल बैंक के आंकड़ों के हवाले से यह बताया गया है कि 2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में इज़ाफा हुआ है। हालांकि, स्विस अधिकारी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि एसएनबी के आंकड़ों में केवल ग्राहक जमा ही नहीं, बल्कि विदेशी शाखाओं की देनदारियां और अन्य वित्तीय पहलू भी शामिल होते हैं। अतः इन आंकड़ों को भारत के नागरिकों की वास्तविक जमा राशि का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब नहीं माना जा सकता।

सरकार ने यह भी बताया कि 2018 से भारत को स्विट्जरलैंड से ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) व्यवस्था के तहत हर साल वित्तीय जानकारी मिल रही है। पहली बार यह जानकारी सितंबर 2019 में साझा की गई थी और इसके बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है। भारत अब 100 से ज्यादा देशों से विदेशी संपत्तियों और आय से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर रहा है।

कर चोरी पर सख्त रुख

सरकार के अनुसार, जब भी विदेशी खातों या संपत्तियों में गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित कर कानूनों के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें छापेमारी, सर्वेक्षण, पूछताछ, कर निर्धारण, जुर्माना और जहां जरूरी हो, आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए जाते हैं।

सरकार ने यह भी जानकारी दी कि 1 जुलाई 2015 को लागू हुए काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम (BMA) के तहत उस वर्ष घोषित संपत्तियों की कुल संख्या 684 थी, जिनकी कीमत 4164 करोड़ रुपये आंकी गई। इनमें से 2476 करोड़ रुपये बतौर टैक्स और जुर्माना वसूले गए।

इसके अलावा, अब तक इस कानून के तहत 1021 मामलों में कर निर्धारण पूरा किया गया है और 163 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं। कुल मिलाकर 35,105 करोड़ रुपये की कर मांग की गई है। सरकार ने बताया कि वर्ष 2015 से 31 मार्च 2025 के बीच BMA के अंतर्गत 338 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है।

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