एयर इंडिया के हालिया विमान हादसे में मारे गए कुछ ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों को कथित रूप से गलत शव सौंपे जाने का मामला सामने आया है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने डेली मेल के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया है कि अब तक दो ऐसे मामले उजागर हुए हैं, जहां मृतकों की पहचान में चूक के कारण परिजनों को उनके प्रियजनों के बजाय किसी और के पार्थिव अवशेष सौंप दिए गए।
डीएनए मिलान में सामने आई गड़बड़ी
रिपोर्ट के अनुसार, लंदन की इनर वेस्ट जिले की कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स द्वारा जब ब्रिटेन भेजे गए शवों की पहचान की पुष्टि के लिए परिजनों से प्राप्त डीएनए नमूनों से मिलान किया गया, तो कुछ मामलों में मेल नहीं बैठा। इस जांच में ब्रिटिश वकील जेम्स हीली-प्रैट, जो हादसे में मारे गए कई पीड़ितों के परिवारों की ओर से पैरवी कर रहे हैं, ने बताया कि कम से कम 12 ब्रिटिश नागरिकों के शव भारत से ब्रिटेन भेजे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उनकी टीम एयर इंडिया और उसकी आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने वाली एजेंसी केन्यन्स इंटरनेशनल इमरजेंसी सर्विसेज की आधिकारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रही है।
सरकार ने दी सफाई, कहा—प्रोटोकॉल का पालन हुआ
इस पूरे मामले पर भारत सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि संबंधित रिपोर्ट पर संज्ञान लिया गया है और सभी चिंताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने बताया, “इस दुखद हादसे के बाद, मृतकों की पहचान निर्धारित प्रक्रियाओं और तकनीकी मानकों के अनुसार की गई थी। शवों को पूर्ण सम्मान और गरिमा के साथ उनके परिजनों को सौंपा गया है। हम ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर हर चिंता का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं।”
हादसे में 260 लोगों की गई थी जान
उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 171, जो 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी, उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस भयावह दुर्घटना में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं जमीन पर मौजूद 19 अन्य लोगों की भी जान चली गई थी। एजेंसियों ने पुष्टि की है कि सभी पीड़ितों की पहचान कर ली गई है और उनके शव अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।
इस बीच, एयर इंडिया ने जानकारी दी है कि उसके बोइंग 787 और 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) के लॉकिंग सिस्टम का एहतियाती निरीक्षण पूरा कर लिया गया है और किसी तरह की तकनीकी खामी नहीं पाई गई है।