तेलंगाना में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई सख्ती

तेलंगाना के कांचा गचिबोवली क्षेत्र में पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सतत विकास का अर्थ यह नहीं है कि वनों को नष्ट कर दिया जाए। कोर्ट इस मामले की स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही है और उसने सवाल उठाया कि जब न्यायालय अवकाश पर था, तभी पेड़ क्यों काटे गए? इससे पहले 15 मई को अदालत ने अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि यदि जंगल की बहाली नहीं की गई, तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है। अगली सुनवाई की तारीख 13 अगस्त तय की गई है। अदालत ने राज्य सरकार से 100 एकड़ जंगल क्षेत्र की पुनर्स्थापना की योजना प्रस्तुत करने को कहा है।


सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के धर्मस्थल हत्याकांड से संबंधित एक अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। यह याचिका बेंगलुरु की एक अदालत के उस आदेश के खिलाफ दाखिल की गई थी, जिसमें 390 मीडिया संस्थानों को लगभग 9,000 खबरों और इंटरनेट लिंक्स हटाने के निर्देश दिए गए थे। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता को सलाह दी कि वह पहले हाईकोर्ट का रुख करे। मामला श्री मंजुनाथस्वामी मंदिर के सचिव हर्षेन्द्र कुमार द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे से जुड़ा है। इसी मामले में एक महिला की हत्या की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी किया जा चुका है।


नीट-यूजी में बिजली कटौती से प्रभावित छात्रों को राहत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2025 परीक्षा के दौरान बिजली बाधा से प्रभावित दो विद्यार्थियों को काउंसलिंग में अंतरिम रूप से शामिल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और ए.एस. चंदूरकर की पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। छात्रों नव्या नायक और एस. साई प्रिया ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें री-टेस्ट की मांग को खारिज कर दिया गया था। परीक्षा संचालन निकाय NTA की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि लाखों अभ्यर्थियों की परीक्षा को दोहराना व्यावहारिक नहीं है। कोर्ट ने फिलहाल कोई अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया।


जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर गठित होगी विशेष पीठ

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन करेगा। वर्मा ने आतंरिक जांच समिति की उस रिपोर्ट को चुनौती दी है, जिसमें उनके आवास से कथित नकदी मिलने को लेकर टिप्पणियां की गई थीं। यह मामला मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस जयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष रखा गया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी, राकेश द्विवेदी, सिद्धार्थ लूथरा, सिद्धार्थ अग्रवाल और अन्य वकीलों ने वर्मा की ओर से पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट से जल्द से जल्द पीठ गठन की मांग की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे स्वयं यह मामला नहीं सुन सकते, लेकिन उपयुक्त पीठ के गठन पर विचार करेंगे।


सतकोसिया टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ओडिशा स्थित सतकोसिया टाइगर रिजर्व में कथित रूप से हुए अवैध निर्माण को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। यह याचिका अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने दायर की, जिन्होंने कोर्ट से निवेदन किया कि संरक्षित क्षेत्र में इको-टूरिज्म के नाम पर निर्माण कार्य की अनुमति देना चिंता का विषय है। उन्होंने सवाल उठाया कि जिला प्रशासन ने कैसे वन क्षेत्र में निर्माण की इजाजत दी। बेंच ने कहा कि वह इस याचिका पर अगली तारीख को सुनवाई करेगी। सतकोसिया टाइगर रिजर्व ओडिशा के अंगुल, कटक, नयागढ़ और बौध जिलों में फैला हुआ है और यह क्षेत्र कई संकटग्रस्त प्रजातियों का महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवास है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here