उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ अब जल्द ही उपराष्ट्रपति निवास को खाली करेंगे। सूत्रों के अनुसार, वे इसी सप्ताह के अंत तक सरकारी बंगला छोड़ सकते हैं और उनके सामान की पैकिंग भी शुरू हो चुकी है। हालांकि वे फिलहाल कहां स्थानांतरित होंगे, इसका निर्णय अभी नहीं हुआ है। नियमों के मुताबिक, पूर्व उपराष्ट्रपतियों को दिल्ली अथवा उनके गृह जिले में आजीवन सरकारी आवास अथवा भूखंड उपलब्ध कराया जाता है। यह सुविधा उनके निधन के पश्चात उनकी पत्नी को भी मिलती है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार, धनखड़ को वीपी एन्क्लेव स्थित वर्तमान आवास से स्थानांतरित होना पड़ेगा। हालांकि, उन्हें विकल्प स्वरूप लुटियंस जोन या किसी अन्य प्रमुख क्षेत्र में टाइप-8 श्रेणी का बंगला आवंटित किया जाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि उन्हें वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के लिए आरक्षित इस श्रेणी का आवास मिलेगा।
ज्ञात हो कि धनखड़ करीब 15 महीने पहले वीपी एन्क्लेव स्थित उस बंगले में शिफ्ट हुए थे, जिसका निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत किया गया था।
स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा, सियासी हलचल तेज
सोमवार की रात धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे पत्र में संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से पद त्यागने की जानकारी दी। इस्तीफे के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए हैं, हालांकि इस अप्रत्याशित फैसले को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
धनखड़ ने अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उन्हें सांसदों से जो स्नेह, विश्वास और समर्थन मिला, वह हमेशा उनकी स्मृतियों में रहेगा। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के सहयोग को भी विशेष रूप से सराहा और उसे ‘अमूल्य’ बताया।